Saturday, 11 April 2009

सियासी एजेंडे में यूपी के कार्मिकों का मसला नहींविस चुनाव में बड़ा मुद्दा रहे यूपी के कार्मिक लोस चुनाव में हाशिए पर

उत्तर प्रदेश के विकल्पधारियों को कार्यमु1त किए जाने का मुद्दा इस बार सियासी दलों के चुनावी एजेंडे में नहीं है। लगभग एक हजार से अधिक ऐसे कर्मचारी अभी यहां कार्यरत हैं, जिन्हें यूपी के लिए कार्यमु1त किया जाना है। इस मुद्दे पर आक्रामक रहा उक्रांद भी फिलहल नरमी बनाए हुए है। कांग्रेस को इस मुद्दे से परहेज है तो भाजपा का कहना है कि अभी तक 6011 विकल्पधारियों को भेजा जा चुका है भाजपा के स8ाा में आते ही कार्यवाही शुरू कर दी गई थी।प्रदेश में यूपी के विकल्पधारियों को कार्यमु1त किया जाना एक बड़ा मुद्दा रहा है। दरअसल अंतिम आवंटन के बावजूद तमाम विभागों में यूपी के आवंटित कार्मिकों को कार्यमु1त नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा और उक्रांद दोनों ने ही इसे प्रमुखता से उठाया। यही नहीं, भाजपा ने स8ाा में आने के बाद ऐसे कार्मिकों को कार्यमु1त भी किया। इसके बावजूद विभिन्न विभागों में ऐसे कार्मिकों की खासी सं2या मौजूद है। मौजूदा चुनाव में इस स्थिति पर राजनीतिक दल किनारा कर रहे हैं। हालांकि, उक्रांद्र ने भाजपा से जिन नौ बिंदुओं पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी मांगी है, उसमें इस मुद्दे को शामिल किया है। उक्रांद को भेजे गए जवाब में भाजपा ने 6011 विकल्पधारियों का उल्लेख किया है। उल्लेखनीय है हाल ही भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने इस पर नाराजगी भी व्य1त की है कि अंतिम आवंटन के बावजूद अभी कार्मिकों को संबंधित राज्य के लिए कार्यमु1त नहीं किया गया है। इस पर मु2य सचिव इंदु कुमार पाण्डे की ओर सेे सभी विभागों को तत्काल प्रभाव से ऐसे कार्मिकों को कार्यमु1त करने के निर्देश दिये गए हैं।

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