Tuesday, 21 April 2009
चुनाव लडऩे को रच डाला बेटे के अपहरण का ड्रामा
-रुपयों के इंतजाम के फेर में नेताजी पहुंचे सीखचों के पीछे- खुद को राष्ट्रवादी जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बताया आरोपी ने- कोटद्वार, जागरण कार्यालय: पार्लियामेंट की सीढिय़ां चढऩे का ख्वाब संजोना एक नेताजी को महंगा पड़ गया। चुनाव लडऩे के लिए नेताजी ने रुपये की व्यवस्था के लिए जाल तो बुना, लेकिन वह उल्टा पड़ गया और वह खुद ही इसमें उलझाकर रह गए। नतीजतन, नेताजी लोकसभा तो नहीं, जेल जरूर पहुंच गए हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के रिखणीखाल प्रखंड के सिद्धपुर के ग्राम मेलपुर के रहने वाले इन नेताजी का नाम है जानकी प्रसाद उनियाल। खुद को राष्ट्रवादी जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बताने वाले नेताजी लोकसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने की चाहत पाले हुए थे, लेकिन चुनाव लडऩे के लिए आर्थिक कमजोरी आड़े आ रही थी। इस कमी को पूरा करने के लिए नेताजी ने अपने ही बेटे के अपहरण का ड्रामा रच डाला, लेकिन पासा उल्टा पड़ गया और नेताजी का सपना टूट गया। अब नजर डालते हैं घटनाक्रम पर, आठ अप्रैल को रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम मेलपुर निवासी जानकी ने पुलिस को फोन पर सूचित किया कि वह राष्ट्रवादी जनता पार्टी से गढ़वाल संसदीय सीट से प्रत्याशी है और उसकी पत्नी व बारह वर्षीय पुत्र का एक पूर्व प्रधान ने हत्या की नीयत से अपहरण कर लिया है। चुनावी मौसम और प्रत्याशी से जुड़ी बात होने के कारण पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौखिक सूचना के आधार पर ही पूर्व प्रधान के खिलाफ अपहरण का मुकदमा पंजीकृत कर लिया। विवेचना आगे बढऩे पर पता चला कि जानकी की पत्नी बच्चे के साथ अपनी ननद के पास ग्राम बड़खेत में है। पुलिस ने ग्राम बड़खेत से दोनों को बरामद भी कर लिया। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसके पति ने महिला मंगल दल से पंद्रह हजार रुपये चुनाव लडऩे के लिए लाने भेजा था। साथ ही रुपये न लाने पर जान से मारने की धमकी भी दी। महिला मंगल दल से रुपये न मिलने के बाद उसने ननद के पास जाने का फैसला कर लिया और अपनी सास को भी वहीं बुला लिया। दूसरी ओर, अपहरण के आरोपी पूर्व प्रधान मोहनलाल ने बताया कि जानकी ने उससे चुनाव लडऩे के लिए 25 हजार रुपये वसूलने का प्रयास किया। मना करने पर उसे जान से मारने, झाूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। जांच के बाद मामला साफ होने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जानकी को गिरफ्तार कर लिया।
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Paap badd raha hai ye to sirf shuruwaat hai, kuch dino baad paise aur position k liye bachon ko mar dene se bhi nai piche hatenge aise log..."Ram chandra keh gaye siya se aisa kaljug ayega"
ReplyDeletekitne saram ki baat hai ki log rajneeti me kyun itna beimaan ho jaate hain ki use apne hi pariwar ko bhi bali ka bakra banane me koi bhi jhijhak mehsus na ho..............kyun or kab tak
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