Thursday, 16 April 2009

कतार में खड़े होकर करेंगे वीआईपी देवदर्शन

-लोस चुनाव व दूसरी दिक्कतों के चलते शासन ने महानुभावों को वीआईपी ट्रीटमेंट पर हाथ खड़े किए -तीस जून तक सामान्य श्रद्धालुओं की तरह ही करनी होगी यात्रा -चारधाम ही नहीं, अन्य पर्यटक स्थलों पर भी यही व्यवस्था रहेगी -सूबे ने केंद्र समेत सभी प्रदेश सरकारों को भेजे अनुरोध पत्र भीड़ को धकियाकर सरकारी लाव-लश्कर के साथ उत्तराखंड के चारधामों में 'वीआईपी दर्शन' करने की चाहत रखने वालों को इस बार मन मसोस कर रहना होगा। अगर आप वीवीआईपी या वीआईपी कैटेगरी में आते हैं और चारधाम यात्रा या उत्तराखंड की वादियों में सैर-सपाटे का प्रोग्राम बना रहे हैं, तो सुरक्षा का वीआईपी इंतजाम तो भूल ही जाईए। सुरक्षा बेहद जरूरी हो, तो प्रोग्राम स्थगित कर दें, नहीं तो एक सामान्य श्रद्धालु या पर्यटक की हैसियत से ही देवभूमि में घूमना होगा। लोकसभा चुनाव में सुरक्षा के इंतजामों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सैर-सपाटे या तीर्थयात्रा पर आने वाले देश व प्रदेशों के 'महानुभावों' को 30 जून तक सुरक्षा मुहैया कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार व सभी राज्यों की सरकारों को इस संबंध में अनुरोध पत्र भेज दिए हैं। 'देवभूमि' के गढ़वाल क्षेत्र में चार पवित्र धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री स्थापित हैं। हर वर्ष देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु इन पावन धामों में भगवान के दर्शन-मात्र के लिए उत्तराखंड आते हैं। इसके साथ ही सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के अलावा गर्मियों में यहां के पर्यटक स्थलों पर भी पयर्टकों का तांता लगा रहता है। इस दौरान बड़ी संख्या में विशिष्ट लोगों का रुख भी इस ओर रहता है। ऐसे शख्सों को यात्रा के समय वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता रहा है, पर इस बार ऐसा नहीं होगा। इन 'महानुभावों' को आम श्रद्धालुओं की तरह ही कतार में खड़े होकर भगवान के दर्शन करने पड़ेंगे। यही व्यवस्था प्रदेश के अन्य तीर्थस्थलों और पर्यटक स्थलों पर भी रहेगी। यात्रा के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से न तो कोई 'एस्कोर्टस' की सुविधा मिलेगी और न ही सिपाही या गनर। प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि सुरक्षा बलों की कमी से जूझा रहे उत्तराखंड को लोकसभा चुनाव में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने हैं। ऊपर से आईएमए या अन्य रक्षा संस्थानों पर मंडरा रहे आतंकी साए से भी निबटना है। लिहाजा, तीर्थयात्रा या सैर-सपाटे के लिए वीआईपी सुरक्षा की उम्मीद न ही पालें। उत्तराखंड के मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे की ओर से केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकार, सभी केंद्रीय मंत्रालय, सुप्रीम कोर्ट व सभी प्रदेशों की हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल समेत तमाम कमिश्नर व यूनियन टैरिटरी सूबों से तीस जून तक उत्तराखंड में वीवीआईपी व वीआईपी आगमन न करने का अनुरोध किया है। अनुरोध पत्र में कहा गया है कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी तादाद व चुनावी व्यस्तता के मद्देनजर तीस जून तक किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट देना संभव नहीं है। ऐसे में उत्तराखंड आने का प्रोग्राम तीस जून तक स्थगित करना ही बेहतर होगा।

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