Friday, 17 April 2009

11 जिलों में सूखा घोषितदेहरादून।

प्रदेश सरकार ने १३ जिलों में से हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर को छोड़कर बाकी ११ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने सूखे की स्थिति का आकलन करने के लिए केंद्र से टीम भेजने का आग्रह भी किया है और साथ ही करीब २०० करोड़ के पैकेज की मांग की है। प्रदेश सरकार की ओर से सूखा घोषित होने के बाद से जिला स्तर पर कर्ज और अन्य देयको की वसूली को स्थगित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कई जिलों की ओर से फरवरी माह में ही वसूली रोक दी गई थी। प्रमुख सचिव राजस्व सुभाष कुमार के मुताबिक हरिद्वार और उधमसिंहनगर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सूखा घोषित किया जा चुका है।सूखे को लेकर सुगबुगाहट जनवरी माह से ही शुरू हो गई थी। प्रदेश सरकार की ओर से आकलन कराया गया था तो अधिकतर जिलों में ५० प्रतिशत से ज्यादा नुकसान की गणना हुई थी। इस आधार पर मु2यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी ने फरवरी माह में ही सूखे से प्रभावित जिलों में वसूली रोकने का निर्देश जारी किया था। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को भी मु2यमंत्री ने पत्र लिखा था और केंद्रीय सहायता की मांग की थी। इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने सूखे का राहत पैकेज और प्रदेश को निर्धारित प्रक्रिया के तहत सहायता की मांग करने को कहा था। इसी केतहत प्रदेश सरकार की ओर से अब प्रदेश के११ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। प्रमु2ा सचिव राजस्व सुभाष कुमार के मुताबिक चरणों में यह आदेश जारी किए गए। केंद्रीय सहायता हासिल करने का यह पहला चरण है और इसके बाद के चरण में केंद्र से पर्यवेक्षक टीम भेजने का आग्रह करते हुए २०० करोड़ के पैकेज की मांग की गई है। प्रदेश की ओर से सूखा ग्रस्तता घोषित होने पर अब किसानों को बैंक और अन्य राजस्व वसूलियों से भी निजात मिल जाएगी। प्रदेश की ओर से इसकी व्यवस्था कर भी दी गई है। इसके अतिरि1त केंद्र की ओर से अगर सूखे की स्थिति को स्वीकार कर लिया जाता है तो केंद्र से खाद्यान्न, पशु चारा, पेयजल आदि के लिए तत्काल सहायता उपल4ध कराई जाती है। देयको की वूसली स्थगित करने की प्रक्रिया प्रदेश में जारी है। गोपेश्वर से मिली जानकारी के मुताबिक एसडीएम डा. आनंद श्रीवास्तव ने सूखे को देखते हुए जिले में कृषि संबंधी वसूली ३० सितंबर २००९ तक के लिए स्थगित कर दी है। किसानों पर बैंक ऋण को लेकर कोई उत्पीडऩात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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