Wednesday, 29 April 2009

कांग्रेस को सपा का अघोषित समर्थन

प्रदेश की दो सीटों पर ही लड़ रही सपा कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में टिहरी से नामांकन भी वापस , हल्द्वानी लोकसभा चुनाव के इस राजनीतिक अखाड़े में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के पहलवानों को धूल चटाने का दम भर रही है। मगर सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अंदरखाने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है। नतीजतन पार्टी ने प्रदेश के दो लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। बाकी सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे ही नहीं हैं। लोकसभा चुनाव पश्चात सपा के राजनैतिक कैरियर के ग्राफ को देखें, तो वर्तमान में हरिद्वार सीट पार्टी के पास है। एक महीने पहले तक पार्टी इस सीट को बचाए रखने और सूबे की अन्य चार सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लडऩे का दावा कर रही थी। इसके लिए पार्टी ने सभी सीटों से टिकट के दावेदारों के नामों की अंतरिम सूची हाईकमान को भेज दी थी। मगर लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा भरने व नाम वापस लेने की प्रक्रिया खत्म होने के बाद स्थिति बिल्कुल साफ हो चुकी है। पार्टी केवल हरिद्वार और नैनीताल संसदीय सीट से चुनावी मैदान में है। बाकी सीटों पर पार्टी चुनाव क्यों नहीं लड़ रही है? यह बात सभी के जेहन में कौंध रही है। इसके लिए दो समीकरण उभरकर सामने आ रहे हैं। पहला यह कि पर्वतीय क्षेत्रों में पार्टी अपने जनाधार को बेहद कमजोर मानती है। इस वजह मजबूत जनाधार वाला प्रत्याशी मिलना पार्टी के लिए मुश्किल था। दूसरा समीकरण यह कि अंदरखाने पार्टी ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है। इस पर लोग यकीन भी कर रहे हैं, क्योंकि टिहरी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर हुसैन अहमद ने नामांकन भी करवाया था, जिसे बाद में हाईकमान के आदेश पर कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वापस ले लिया। जबकि अल्मोड़ा व पौड़ी सीट से पार्टी ने प्रत्याशी ही नहीं उतारा। बताया जाता है कि पार्टी के महासचिव अमर सिंह ने प्रदेश हाईकमान को निर्देश दिए थे कि उन्हीं सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ा जाए, जहां से सीट निकलने की गुंजाइश हो। सपा के कुमाऊं मंडल प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी बताते हैं कि सपा का एकमात्र उद्देश्य है, भाजपा को सत्ता में आने से रोकना। इस वजह से पार्टी ने तीन सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।

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