Thursday, 16 April 2009

राजधानी की रपट पर शासन को नोटिस

देहरादून, : राजधानी चयन आयोग की रिपोर्ट से जुड़े एक अन्य मामले में राज्य सूचना आयोग ने शासन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने सामान्य प्रशासन विभाग के लोक सूचनाधिकारी यानी अनुसचिव और विभागीय अपीलीय अधिकारी को 29 अप्रैल को अगली सुनवाई तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं। कि सूचना देने में विलंब पर क्यों न 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लोक सूचनाधिकारी पर 25,000 रुपये जुर्माना कर दिया जाए? इसी के साथ प्रार्थी इंद्रेश मैखुरी को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 50,000 रुपये मुआवजा दिला दिया जाए? आयोग ने शासन को फिर से निर्देश दिए हैं कि वह राजधानी आयोग की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड करे और उसे सार्वजनिक दस्तावेज के रूप में इंद्रेश मैखुरी को मुहैया कराए। मालूम हो कि इसी तरह के नदीमुद्दीन बनाम सामान्य प्रशासन विभाग प्रकरण में लोक सूचनाधिकारी को 25,000 रुपये का दंड हो चुका है और आयोग नदीमुद्दीन को 50,000 रुपये मुआवजा देने के भी आदेश दे चुका है। श्रीनगर निवासी भाकपा (माले) नेता इंद्रेश मैखुरी ने सामान्य प्रशासन विभाग से दीक्षित आयोग के कार्यकाल, उस पर हुए खर्च और दीक्षित आयोग की रिपोर्ट की प्रति मांगी थी। इंद्रेश मैखुरी पौड़ी लोकसभा सीट से भाकपा माले के प्रत्याशी भी हैं। ठीक से सूचनाएं नहीं मिली को उन्होंने विभागीय अपील की। वहां उन्हें बताया गया कि रिपोर्ट का चूंकि मुख्य सचिव अध्ययन कर रहे हैं, इसलिए सूचना कानून की धारा 8(झ) के तहत रिपोर्ट मुहैया नहीं कराई जा सकती। खिन्न होकर इंद्रेश मैखुरी ने राज्य सूचना आयोग में अपील की। बुधवार को आयोग में हुई सुनवाई में पता चला कि सामान्य प्रशासन विभाग के लोक सूचनाधिकारी ने उन्हें आयोग के कार्यकाल के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं दी। यही नहीं आयोग पर कुल खर्च की भी आधी-अधूरी जानकारी दी गई। अब राज्य सूचना आयोग ने आदेश दिया है कि सामान्य प्रशासन विभाग इंद्रेश मैखुरी को राजधानी चयन आयोग पर हुए कुल खर्च का पूरा ब्योरा दे।

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