Friday, 24 April 2009

जैसे ही , इल्कशन की हुई घोषणा -

जैसे ही , इल्कशन की हुई घोषणा उमिद्वारो का तांता लगने लगा था जिसे हमने , कभी नहीं देखा था वो , सबसे आगे खडा था ! पार्टिया ......अपने अपने उमीद्वारो कोजनता में भुनाने लग गई थी उनके काले कारनामो पे सफेदिया पोतने लगी थी ! सभाओ का .........आयोजनों पर आयोजन होने लगे थेछुट भया नेता ......दिगज नेताओं के चप्पल उठाने लगे थे ! उमीद्वारो का परिचय मंच से दिया जाने लगा नेता उनके बारे में कहने लगा ये .................इस इलाके के माने ( वो गुंडा था) हुए है इनकी तस्बीरे तो ,अखबारों में की बार छापी है ! ये उमीद्वार .... जो आप देख रहे है ये आप के लिए ना सही परपार्टी के लिए की बार अंदर बाहर आते जाते रहे है समया साक्षी और जनता गवा है पुलिस चोकी इनका मायका और जेल इनकी ससुराल है ! बिपक्षी ......इनकी इस छबी को पचा नहीं पा रही है इनपे आरोप पे आरोप लगाए जा रही है की... ये ...गौ-चारा , रेप , मर्डरो में लिप्त है एसा प्रचार कर रही है ! अरे भाई .....किसिना किसी को तो वो चारा खाना ही था उसको ... कहिना कही तो ठिकाना लगाना ही था ! रही...................... " रेप और मर्डरो " की बात तो, हम साफ़ साफ़ कहते है ये तो हमारी पार्टी का सिम्बल भी है हमारी मैनोफैसटो में भी है जो जितना करेगा, करवाएगा उतना ही उंचा पद पायेगा हम आप को चेतावनी देते है और चिला चिल्लाकर कहते है ! बिपक्षी सुन ले .......... और , आप देख ले ....आप वोट दे या ना दे आप वोट डाले या न डाले आप का पडेगा - पडेगा हम दावे से कहते है हमारा ये उमीद्वार ......... जीतेगा और जीतेगा 1 लेखक-

पराशर गौड़ कनाड़ा से (जिन्होने पहली गढ़वाली फिल्म जग्वाल से पहाड़ की सिनेमा को नई पहचान दी)

1 comment:

  1. Parashar Daju Excellent! Bahut aacha likha aur hakikat likhi hai--Dhanyabad

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