Thursday, 16 April 2009
-देहरादून में छप रहे नेत्रहीनों के मतपत्र
बिहार, उत्तराखंड व हिमाचल के लिए छापे जा रहे करीब 75,000 ब्रेल मतपत्र अब नहीं पड़ेगी वोटिंग में सहारे की जरूरत इस बार आम चुनाव में नेत्रहीन, देहरादून में छपे मत पत्रों के जरिए वोट डालेंगे। अब उन्हें वोट डालने के लिए किसी अन्य के सहारे की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) की सेंट्रल ब्रेल प्रेस में इस बार बिहार की 40 लोक सभा सीटों, उत्तराखंड की पांचों सीटों और हिमाचल प्रदेश की चार सीटों के नेत्रहीन मतदाताओं के लिए ब्रेल लिपि में मतपत्र छप रहे हैं। सेंट्रल ब्रेल प्रेस असिस्टेंट मैनेजर लक्ष्मीकांत कौशिक ने बताया कि ये मतपत्र नार्वे से आयातित पूरी तौर पर ऑटोमैटिक प्रेस ब्रेलो 440 एसडब्लू और ब्रेलो 400 एसआर पर छप रहे हैं। मतपत्रों पर पटना के अपर निशक्तता आयुक्त मोहनराम व अन्य संबंधित अधिकारी हस्ताक्षर कर रहे हैैं। उन्हीं की देखरेख में ये पोलिंग स्टेशनों में भेजे जाएंगे। एनआईवीएच की निदेशक अनुराधा मोहित का कहना है कि ब्रेल मतपत्र नेत्रहीनों के लिए वरदान साबित होंगे। इसके जरिए वे बिना किसी की मदद के मतदान कर सकेंगे। उनके मुताबिक ये मतपत्र लोकसभा चुनाव के चरणों के हिसाब से छप रहे हैैं। वैसे ईवीएम में तो नेत्रहीनों के लिए वोट डालने के लिए ब्रेल लिपि के संकेत होते हैं, मगर बैलेट पेपर के जरिए होने वाले मतदान के लिए अब तक देश में यह सुविधा नहीं थी। सेंट्रल ब्रेल प्रेस की कम छपाई क्षमता के बावजूद प्रेस के सभी अधिकारी और कर्मचारी कड़ी मेहनत कर इन मतपत्रों की छपाई का काम पूरा करने में जुटे हैैं। उत्तराखंड में चूंकि अंतिम चरण में मतदान होगा, इसलिए यहां के लिए ब्रेल मतपत्र अंतिम चरण में छपेंगे। देहरादून में बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल के लिए करीब 75,000 ब्रेल मतपत्र छपेंगे। फिलहाल ब्रेल लिपि के मतपत्र की भाषा अंगे्रजी है। इसमें लोकसभा प्रत्याशी का नाम, उसकी पार्टी का नाम और उसके चुनाव चिह्न का नाम दर्ज होता है, जिसे पढ़कर नेत्रहीन अपनी पसंद के प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
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