Wednesday, 29 April 2009

टिहरी बांध: 45 और गांव होंगे विस्थापित

जीएसआई व सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट के बांध विस्थापन की तैयारी शुरू -118 परिवारों की करीब 3150 नाली भूमि का होगा अधिग्रहण नई टिहरी- टिहरी बांध की झाील भरने के के बाद 45 और गांवों के 118 परिवारों को विस्थापन की त्रासदी झोलनी होगी। यह गांव पूर्व में हुए गलत सर्वे के कारण डूब क्षेत्र में शामिल होने से छूट गए थे। भिलंगना व भागीरथी घाटी में जीएसआई व सर्वे आफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वे मे यह बात सामने आई है। टिहरी बांध की झाील में अधिकतम जलभराव क्षेत्र 835 आरएल मीटर है। विस्थापन की श्रेणी में आने वाले सभी गांव इससे नीचे बसे हैं लेकिन पूर्व में किए गए सर्वे में इन गांवों को 835 से ऊपर बताया गया जिससे यह गांव डूब क्षेत्र में आने छूट गए थे। प्रशासन द्वारा फिर से कराए गए सर्वे में 45 गांवों के 118 परिवार प्रभावित की श्रेणी में आए हैं, जिसमें ग्रामीणों की करीब 3150 नाली सिंचित- असिंचित भूमि शामिल है। प्रशासन ने डूब क्षेत्र में विस्थापन की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में पांच गांवों सरोठ, डोबन, जसपुर मध्य चक, नकोट व चांठी के ग्रामीणों का सहमति के आधार पर विस्थापन हो चुका है। शेष चालीस गांवों के विस्थापन के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। इस बाबत पुनर्वास निदेशक व जिलाधिकारी सौजन्या ने बताया कि विस्थापित होने वाले अधिकांश गांव भिलंगना घाटी के हैं, इनके विस्थापन की कार्रवाई शीध्र आरंभ की जाएगी। पुराने मामले ही नहीं हुए निस्तारित नई टिहरी: टिहरी बांध से 125 गांवों के 5187 परिवारों के करीब 85 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। विस्थापितों के 2806 मामले गे्रवांस सेल में पहुंचे, जहां अभी भी 1940 मामले लंबित हैं। जब विस्थापन के पुराने मामले ही अब तक नहीं सुलझा पाए हैं तो ऐसे में नए विस्थापित 118 परिवारों की समस्याएं कैसे सुलझोगी यह सवाल बना हुआ है।

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