Monday, 13 April 2009
देहरादून। एमबीबीएस की सरकारी कोटे की 50 सीट बीते साल की तरह इस बार भी राज्य के हाथ से फिसल सकती हैं। यही नहीं, दो सरकारी मेडिकल कालेजों में भी 15 फीसदी सीटें केंद्रीय कोटे में दी गई हैं।
राज्य में उत्तराखंड प्री मेडिकल टेस्ट-2009, 28 मई को होगा। सरकारी कोटे के लिए कुल 385 सीटें दर्शाई गई हैं। इनमें एमबीबीएस की 255 और बीडीएस की 140 सीटें शामिल हैं। एमबीबीएस की 255 में 50 सीटें हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, जौलीग्रांट की हैं। उक्त मेडिकल कालेज ने डीम्ड विश्वविद्यालय बनने के बाद सरकारी कोटे में 50 सीटें देने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। इस मामले में यूजीसी के प्रावधानों के मुताबिक राज्य सरकार विवि को बाध्य नहीं कर सकती। सरकार ने एनओसी देते वक्त उक्त कालेज की ओर से की गई पेशकश का हवाला देते हुए अदालत की शरण ली है। हाईकोर्ट का फैसला कालेज के पक्ष में गया है। सरकार अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद लगाए हुए है।
यूपीएमटी के लिए जारी सूचना में भी उक्त 50 सीटों के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद निर्णय की बात कही गई है। बीते वर्ष इस मामले पर फैसला नहीं होने की वजह से विवि की 50 सीटें राज्य को नहीं मिली थीं। फैसला समय रहते और पक्ष में नहीं होने की स्थिति में फिर सरकार को नाउम्मीद रहना पड़ सकता है। यही नहीं, पिछली खामियों से सबक लेकर राज्य ने इस बार 15 फीसदी सीटें केंद्रीय कोटे के लिए तय की हैं। श्रीनगर और हल्द्वानी के दो सरकारी मेडिकल कालेजों की तकरीबन 15-15 सीटें केंद्रीय कोटे में दी जाएंगी।
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