Monday, 6 April 2009
राज्य में सबसे कम शहरी बेरोजगार
Apr 06, देहरादून। इस चुनाव में बेरोजगारी कम से कम उत्तराखंड में अहम मुद्दा नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक ताजा रिपोर्ट 'इंडियन लेबर मार्केट रिपोर्ट -2009' के मुताबिक उत्तराखंड के शहरी क्षेत्र में देश के सबसे कम बेरोजगार हैं।
देश के जाने-माने संस्थान टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज की इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में शहरी बेरोजगारी देश में सबसे कम यानी उसकी आबादी के 0.5 प्रतिशत है। इसके बाद छत्तीसगढ़ का नंबर है, जहां महज 0.8 प्रतिशत शहरी बेरोजगार हैं। भारत सरकार के नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक गोवा में सबसे ज्यादा यानी 11.4 प्रतिशत और उसके बाद केरल में 9.1 फीसदी शहरी बेरोजगार हैं। देश के स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में शहरी महिलाएं ज्यादा बेरोजगार हैं। ग्रामीण 7.31 फीसदी की तुलना में 9.2 प्रतिशत शहरी महिलाएं बेरोजगार हैं। गांवों में जहां 60-70 फीसदी महिलाएं श्रम शक्ति का हिस्सा नहीं, शहरों में यह 70-80 प्रतिशत हैं। वैसे रिपोर्ट कुल मिलाकर यह कहती है कि देश में शहरी बेरोजगारी ग्रामीण बेरोजगारी से ज्यादा भयावह है। रिपोर्ट के मुताबिक जो प्रदेश ज्यादा पिछड़े हैं वहां के ज्यादा लोग स्वरोजगार में जुटे हैं। इतना ही नहीं आज खुदरा बाजार रोजगार देने में सबसे बड़े क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। जिसके बाद निर्माण क्षेत्र और फिर हास्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट, कम्यूनिकेशन, माइनिंग, वित्त बाजार आदि के क्षेत्र अस्थायी रोजगार देने में सफल हुए हैं।
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