Saturday, 11 April 2009
उत्तर प्रदेश विकल्पधारियों को तत्काल कार्यामुक्त
देहरादून। मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश विकल्पधारियों को तत्काल कार्यामुक्त
करने के निर्देश दिए हैं। इधर, हर बार की तरह कार्मिकों की कमी बताते हुए इन्हें रोकने के प्रयास भी शुरू हो गए हैं।
केंद्र सरकार के कार्मिक व पेंशन मंत्रालय ने 10 दिसंबर 08 को उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड सरकारों को पत्र भेजते हुए विकल्पधारियों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए थे। लगातार मामले में हो रहे विलंब पर भी मंत्रालय ने नाराजगी जताई थी। इसी क्रम में मुख्य सचिव इंदु कुमार पंाडे ने सभी प्रमुख सचिवों तथा सचिवों को पत्र भेजकर विकल्पधारियों को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए।
इधर, हर बार की तरह इस बार भी कार्मिकों की कमी का बहाना बताते हुए विकल्पधारियों को रोकने के प्रयास फिर से शुरू हो गए। बताया जाता है कि उत्तराखंड में अभी करीब एक हजार उत्तर प्रदेश के विकल्पधारी मौजूद हैं। इन कार्मिकों के आंका उच्चाधिकारियों के निर्देशों को दरकिनार कर उन्हें राज्य में ही बनाए रखने के प्रयासों में जुट गए हैं। यह मामला उक्रांद के भाजपा सरकार को समर्थन देने के नौ बिंदुओं में भी शामिल है। उक्रांद को पिछले दिनों इस संबंध में दिए गए उत्तर में भाजपा ने यह तो कहा कि 31 अगस्त 08 तक 6011 कार्मिकों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। भाजपा ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि अब राज्य में कितने विकल्पधारी बचे हैं।
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