Monday 20 April 2009

प्रदेश में हर साल बढ़ जाते हैं ५००० पेंशनरपेंशन बिल अब १००० करोड़

देहरादून। बढ़ता पेंशन बिल भी अब सरकार के आर्थिक मोरचे पर परेशानी का सबब बन रहा है। रिटायर होने वाले कर्मियों की सं2या में तेजी से इजाफा होने का अनुमान है। ऐसे में सरकार को पेंशन केलिए ही खासी धनराशि जुटानी पड़ सकती है। पेंशन रिवीजन के कारण ही सरकार को करीब ३०० करोड़ का अतिरि1त आर्थिक व्यय भार वहन करना पड़ रहा है।छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के बाद से ही पेंशन पर करीब ४० प्रतिशत का इजाफा हुआ है। एरियर को छोड़ भी दिया जाए तो पेंशन पर ही हजार करोड़ से अधिक का व्यय भार है। यह राशि आने वाले समय में तेजी से बढ़ेगी। वि8ा विभाग के अनुमान के मुताबिक २००९-१० में ही करीब ४००० सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत हो जाएंगे। इतने कर्मियों का पेंशन व्यय भार तो बढ़ेगा ही। खास बात यह है कि प्रदेश में प्रति वर्ष औसत ५००० पेंशनर बढऱहे हैं। २०१५ तक पेंशनरों की सं2या सवा ला2ा के करीब होगी। प्रदेश में इतने ही राज्य कर्मचारी भी हैं। इस समय करीब ९० हजार हैं और इनपर देयता भी १०३६ करोड़ बन रही है। राज्य गठन के समय करीब ४४ हजार पेंशनर राज्य में थे और देयता भी करीब १४५ करोड़ की ही बनी थी। साफ है कि पेंशन बिल भी आर्थिक मोरचे पर सरकार को परेशान कर सकते हैं। हालांकि, शासन का मानना है कि लगातार बढ़ रहे इस वर्ग को बोझा न मानकर संसाधन के रूप में देखा जाना चाहिए। १९, अप्रैलइस बार कष्टकारी नहीं होगी बदरी-केदार यात्राअधिकांश स्थानों पर सड़क निर्माण का कार्य हुआ पूरा अमर उजाला 4यूरोदेहरादून। बदरी-केदार धाम की यात्रा के लिए इस बार यात्रियों को खराब रास्तों की समस्या से नहीं जूझाना होगा। पूरे रूट पर केवल कुछ किमी के टुकड़े को छोड़ दिया जाए तो शेष यात्रा को निरापद बना दिया गया है। यही नहीं, पिछले सालों की तुलना में यात्रा मार्ग पर इस साल जोखिम भी कम हो गया है। हालांकि, प्रदेश में ५०० से अधिक स्थल चिक्षित किए गए थे। इनमें यात्रा रूट के अधिकांश स्थानों पर सुरक्षा उपाय भी पूरे कर लिए गए हैं। चार धाम यात्रा शुरू होने में मात्र एक सप्ताह बचा है। इस बीच यात्रा मार्ग को दुरुस्त किये जाने का काम भी अंतिम चरण में हैं। पिछले कुछ सालों से यात्रा मार्ग की हालत काफी बिगड़ी हुई थी। डलब लेन होने के कारण जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है। प्रशासन को भी यात्रा सीजन के दौरान मार्गों के खराब हालत को लेकर खासी मुसीबत उठानी होती है। पिछला यात्रा सीजन तो जैसे-तैसे निपटने के बाद शासन और प्रशासन के स्तर पर यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के निर्देश जारी होते रहे हैं। हालांकि, अभी पूरा मार्ग पर काम समाप्त नहीं हुआ है। लेकिन स्थितियां पिछले साल के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है। मंडलायु1त की ओर यात्रा प्रशासन की ओर से यात्रा शुरू होने से पूर्व अधिकांश स्थलों पर काम पूरा करने का दबाव बना हुआ है। यह माना जा रहा है कि यात्रियों के लिए इस बार की यात्रा पिछले साल की तरह कष्टकारी नहीं होगी।

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