Monday, 25 May 2009

उत्तराखंड को मान्यता न दिए जाने के मामले में महाराष्ट्र सूचना आयोग ने उठाया कदम

बीसीसीआई को सूचना आयोग का नोटिस -देहरादून निवासी राजू गुसाईं ने बोर्ड से मांगी थी इस संबंध में सूचनाएं महाराष्ट्र सूचना आयोग ने सूचनाधिकार के एक मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को तलब किया है। दून निवासी राजू गुसाईं की शिकायत पर आयोग ने यह कदम उठाया है। श्री गुसाईं ने शिकायत की थी कि बीसीसीआई ने उन्हें उत्तराखंड को मान्यता को लेकर मांगी गई सूचनाएं मुहैया नहीं कराईं। मामले की सुनवाई एक जून को होगी। देहरादून के दीपनगर निवासी राजू गुसाईं ने मार्च में सूचनाधिकार कानून के तहत बीसीसीआई से उत्तराखंड को अब तक मान्यता न दिए जाने को लेकर चार बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थीं। बीसीसीआई से एक माह तक कोई जवाब न मिलने पर श्री गुसाईं ने मई के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कराई। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड से जवाब तलब किया है। राजू गुसाईं ने सूचनाधिकार कानून के तहत बीसीसीआई से पूछा था कि बोर्ड ने जब सूबे को मान्यता देने का कार्य वर्किंग कमेटी के सुपुर्द कर दिया था तो कितनी बार कमेटी ने इस विषय पर विचार विमर्श किया?। दूसरा यह कि इस बाबत बोर्ड की टीम ने उत्तराखंड का दौरा कर विभिन्न एसोसिएशनों के बारे में सूचनाएं क्यों नहीं जुटाईं? कितने समय में बीसीसीआई उत्तराखंड को मान्यता देने का मामला फाइनल करेगा और बीसीसीआई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपने लोक सूचनाधिकारी के बारे में जानकारी क्यों मुहैया नहीं कराई है?। गौरतलब है विगत वर्ष सितंबर में बीसीसीआई की एजीएम में छत्तीसगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन व बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता प्रदान की गई थी। इसके अलावा मेघालय, नागालैंड व अरुणाचल प्रदेश को मान्यता प्राप्त सदस्य बनाया गया था, लेकिन उत्तराखंड में मान्यता प्राप्त करने को कई एसोसिएशनों के बीच चल रही खींचतान के चलते मामला वर्किंग कमेटी के हवाले कर दिया गया। इस कमेटी में बोर्ड के अध्यक्ष शशांक मनोहर, एन. श्रीनिवासन, अरुण जेटली, संजय जगदाले, शिवलाल यादव व ललित मोदी सहित 23 सदस्य है।

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