Wednesday, 27 May 2009
चुनाव व आर्थिक मंदी पर 'आस्था' भारी
-पूरे उत्साह के साथ बदरी-केदार व गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंच रहे हैं श्रद्धालु
-23 मई तक चार पवित्र धामों के दर्शन कर चुके हैं 3 लाख 93 हजार तीर्थयात्री
-रोजाना 54 से 56 हजार श्रद्धालु उमड़ रहे हैं पौराणिक धामों की ओर
-विश्वव्यापी आर्थिक मंदी भी नहीं डिगा पाई श्रद्धालुओं के अटूट विश्वास को
पिछले डेढ़ माह से भले ही समूचा देश लोकसभा चुनाव की आपाधापी में व्यस्त रहा हो, लेकिन उत्तराखंड के चार पवित्र धामों की तीर्थयात्रा इस चुनावी व्यस्तता में भी चरम पर रही। देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु पूरे उत्साह व श्रद्धा के साथ भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के पवित्र धामों पर अपने आराध्य देवों के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। देश-विदेश से पहाड़ी सूबे की नैसर्गिक वादियों की ओर आने वाले पर्यटकों के उत्साह में भी कोई कमी नहीं दिख रही।
एक ओर जहां लोकतंत्र के महाकुंभ का अपना महत्व है, वहीं भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था व विश्वास भी है। लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बीच चारधाम यात्रा के शुरूआती दौर में श्रद्धालुओं का उत्साह तो कम से कम यही तस्वीर बयां करता है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का हुजूम श्रद्धा के साथ उत्तराखंड में स्थित इन चार पौराणिक धामों की ओर उमड़ रहा हैं। रोजाना करीब 54 से 56 हजार तीर्थयात्री पवित्र धामों का रुख कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 23 मई तक 3 लाख 93 हजार तीर्थयात्री पवित्र धामों के दर्शन कर पुण्य कमा चुके हैं। इनमें से 77514 गंगोत्रीं, 75620 यमुनोत्री व 160522 बदरीनाथ तथा 79406 श्रद्धालु भगवान केदारनाथ दर्शन कर चुके हैं। पिछले दो-तीन वर्षों की तुलना में चारधाम यात्रा के इस रुझाान ने यह साबित कर दिया है, कि श्रद्धालुओं की आस्था व अटूट विश्वास को विश्वव्यापी आर्थिक मंदी भी नहीं डिगा पाई है।
चारधाम यात्रा की तरह सूबे की नैसर्गिक वादियों का लुत्फ उठाने वाले पर्यटकों में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है। पहाड़ों की रानी मसूरी, ऋषिकेश, नैनीताल, औली, राजाजी नेशनल पार्क, जिम कार्बेट नेशनल पार्क समेत प्रदेश में मौजूद विभिन्न ट्रेकिंग रूटों पर भी पर्यटकों की खासी आमद दिख रही है। गंगा व यमुना में राफ्टिंग, क्याकिंग व कैंपिंग जैसी साहसिक पर्यटन का आंनद उठाने के लिए भी पर्यटक खासी संख्या में देश-विदेश से पहुंच रहे हैं।
23 मई तक चारधाम यात्रा का रुझाान
धाम यात्रियों की संख्या
गंगोत्री 77514
यमुनोत्री 75620
बदरीनाथ 160522
केदारनाथ 79406
कुल 393062
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सुखद यात्रा को सभी इंतजाम चाक-चौबंद
-जीएमवीएन के 89 पर्यटक आवास गृह आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस
-संयुक्त रोटेशन ने चारधाम यात्रा के लिए 3300 बसों का बेड़ा तैनात किया
देहरादून, चारधाम यात्रा व पर्यटक सीजन के मद्देनजर गढ़वाल मंडल विकास निगम ने जहां अपने पर्यटक आवास गृहों को आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस किया है, वहीं अपने परिवहन बेड़े में दो नई एसी बसें व पांच नए एसी टैम्पो ट्रैवलर्स शामिल किए हैं। वहीं, संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति ने खासतौर पर चारधाम यात्रा के लिए 3300 बसों का बेड़ा तैयार किया है। साथ ही, चालक-परिचालकों को बेहतर यात्री सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बाकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पहाड़ी सूबे की अर्थव्यवस्था में चारधाम यात्रा व पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। यही कारण है, कि चारधाम यात्रा व पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी संस्थाएं वर्ष भर टूरिस्ट सीजन की तैयारी में जुटी रहती हैं। इसी कवायद के तहत गढ़वाल मंडल विकास निगम ने विभिन्न यात्रा मार्गों पर स्थित अपने 89 पर्यटक आवास गृहों को आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस किया है। निगम के महाप्रबंधक (पर्यटन) योगेश पंत बताते हैं कि इनमें से मुख्य मार्गों पर स्थित 12 आवास गृहों का उच्चीकरण किया गया है।
ऊंचाई वाले स्थानों पर मौजूद आवास गृहों में आक्सीजन सिलेंडर व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। देश के विभिन्न शहरों में यात्रा बुकिंग सेंटर खोले गये हैं, जिनमें ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। निगम के परिवहन बेड़े में अब तक 20 बसें, 10 एसी टाटा सूमो, चार क्वालिस व एक अंबेसडर कार शामिल थी। जबकि इस बार दो एसी बसें व पांच टैम्पो ट्रैवलर्स परिवहन बेड़े में नए शामिल किए गए हैं।
चारधाम यात्रा के संचालन से जुड़ी संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति ने इस बार 3300 बसों का बेड़ा चारधाम यात्रा के लिए तैनात किया है। इनमें 350 पुशबैक डीलक्स बसें व 25 वातानुकूलित बसें भी शामिल हैं। समिति के अध्यक्ष संजय शास्त्री का कहना है कि तीर्थयात्रियों को सुविधाजनक व आरामदेह यात्रा कराना ही समिति का प्रमुख उद्देश्य है। इसके लिए चालक-परिचालकों को बाकायदा नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही, यात्रा मार्गों पर पडऩे वाले टूरिस्ट स्पॉट व पौराणिक महत्व के स्थानों के बारे में भी यात्रियों को जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
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