Tuesday, 19 May 2009

विशेष औद्योगिक पैकेज न बढऩे से अटके ४० हजार करोड़

पैसा नहीं लगा रहे हैं उद्यमी देहरादून।- प्रदेश में नए उद्योगों के लिए पैसा लगाने वालों की सं2या में इजाफा हुआ है। अब ईओआई (निवेश की इच्छा) ४० हजार करोड़ तक जा पहुंची है, पर निवेश को लेकर अभी संशय है। कारण विशेष औद्योगिक पैकेज की समय सीमा २०१० तक है जिसमें केवल दस माह ही बचे हैं।विशेष औद्योगिक पैकेज की समय सीमा दस माह मेें ही समाप्प्त हो जाने की आशंका का असर अब उद्योगों पर दिखने लगा है। औद्योगिक निवेश की इच्छा रखने वालों की सं2या में इजाफा हुआ है, पर उद्यमी अब आगे नहीं आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक ईआईओ करीब ४० हजार करोड़ तक पहुंच चुका है। पर परेशानी यह है कि पूंजी का निवेश नहीं हो रहा है। कहा जा रहा है कि केंद्र के विशेष पैकेज की समय सीमा समाप्त जल्द समाप्त होने की आशंका के कारण उद्यमियों की ओर से नए निवेश से बचा जा रहा है। इस मामले को लेकर अब प्रदेश के उद्यमियों की निगाह दिल्ली सरकार पर भी है। उाराखंड के पांच सांसद होने के कारण देवभूमि का वेटेज बढ़ा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले दो माह के अंदर आने वाले बजट में ही इस पर तस्वीर साफ हो जाएगी। सांसदों की साख का भी सवाल- -चुनाव के दौरान लगभग सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने प्रदेश के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज की समय सीमा बढ़ाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया हुआ है। ऐसे में उद्यमियों की निगाह सांसदों पर भी है। सांसद भी इस दबाव को महसूस कर रहे हैं। एक सांसद के मुताबिक सरकार के गठन की औपचारिकता पूरी होने के तुरंत बाद पैकेज बढ़ाने के लिए प्रयास भी शुरू कर दिया जाएगा। कहां है समस्या--मुसीबत यह है कि पर्वतीय राज्यों को विशेष औद्योगिक पैकेज देने का विरोध यूपी, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्य भी कर रहे हैं। इनका आरोप है कि इस पैकेज के कारण उनकेयहां से उद्योगों का पलायन हो रहा है।

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