Monday, 11 May 2009
विकलांग बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय
-100 से अधिक विद्यार्थियों के लिए सभी सुविधाएं होंगी
-25 बीघा जमीन पर विद्यालय बनाने में डेढ़ करोड़ खर्च
-गढ़वाल के हरिद्वार, कुमाऊं के पिथौरागढ़ में बना विद्यालय
प्रदेश में पहली बार विकलांगों के लिए आवासीय विद्यालय खुलने जा रहे हैं। विद्यालय तैयार हो चुके हैं। बस, सरकार किसी एनजीओ को देकर विद्यालयों का संचालन कराना चाहती है। दरअसल सर्व शिक्षा अभियान के तहत शासन द्वारा गढ़वाल व कुमाऊं में एक-एक विकलांग छात्रावास को पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी। एक विद्यालय को बनाने में करीब डेढ़ करोड़ का खर्च आया है। करीब 25 बीघा भूमि पर आवासीय विद्यालय बहादराबाद ब्लाक में बनाया गया है। इसमें 100 से अधिक विद्यार्थियों के रहने व भोजन की व्यवस्था होगी।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनाया गया यह आवासीय विद्यालय हरिद्वार के बहादराबाद ब्लाक के अलीपुर क्षेत्र में है। आवासीय विद्यालय का सत्र जुलाई से शुरू होने की संभावना है। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी किसी निजी संस्था के हाथ सौंपने पर प्रदेश सरकार विचार कर रही है। अलीपुर में बने आवासीय विद्यालय में सौ से अधिक बच्चों के पढऩे व रहने की सुविधा उपलब्ध है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें हर प्रकार के विकलांग बच्चों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध रहेगी। सरकार ने इसमें मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के ऊपर अधिक ध्यान देने की योजना बनाई है। इसमें बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त सभी यंत्र भी उपलब्ध रहेंगे। उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक ने केंद्र सरकार को देशभर में कक्षा एक से आठ तक के विकलांग बच्चों के आवासीय विद्यालय की स्थापना को लेकर अनुदान राशि आवंटित की थी। वर्ष 2005-06 में केंद्र सरकार द्वारा जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड को भी चुना गया। गढ़वाल की तरह कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भी इसका निर्माण कराया गया है। इसमें छह से 18 वर्ष तक के छात्र-छात्राओं के साथ स्टाफ के लिए भी सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। अपर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक केके वाष्र्णेय ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के दो जनपदों में इसे पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी। प्रदेश सरकार एनजीओ के तहत इस विद्यालय को संचालित कराना चाहती है। एनजीओ से करार होने के तुरंत बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा।
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