Monday, 25 May 2009

कुमाऊं में तीन ओपन हार्ट सर्जरी कर रचा इतिहास

-डीना अस्पताल में तीन निर्धनों की नि:शुल्क हुई शल्य क्रिया -कल की चिंता छोड़ वर्तमान में जीना सीखें, स्वस्थ रहेंगे: डा.यादव अल्मोड़ा: नगर के डीना अस्पताल में तीन ओपन हार्ट सर्जरी की सफलता ने शनिवार को एक नए इतिहास की रचना कर डाली। यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जैसे चिकित्सा के क्षेत्र में पिछड़ा माने जाने वाले नगर के समीपवर्ती डीनापानी ग्राम में बने डीना अस्पताल में चीफ कार्डियक सर्जन डा.ओपी यादव ने तीन निर्धनों की ओपन हार्ट सर्जरी की। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली व डीना अस्पताल के आपसी सहयोग से निर्धन हृदय रोगियों के लिए शल्य चिकित्सा नि:शुल्क की गई। शुक्रवार व शनिवार को तीन हृदय रोगियों को शल्य चिकित्सा दी गई। जिसमें पिथौरागढ़ जनपद के ग्राम पिल्खा, पोस्ट नैनोली की 20 वर्षीय सोनिया, पिथौरागढ़ की 31 वर्षीय मीना देवी, पिथौरागढ़ सिल्थाम के दुकानदार 36 वर्षीय हेमंत सिंह टोलिया शामिल हैं। इनमें दो रोगियों के हृदय में पैदायशी छेद व एक का वाल्व खराब था। पैदायशी छेद को भरा गया और खराब वाल्व को बदला गया। उन्होंने बताया कि वाल्व अमेरिका से मंगाया गया था। दिल्ली से आए चीफ कार्डियक सर्जन डा.ओपी यादव ने बताया कि सामान्यत: दिल में छेद की सर्जरी में एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है। अमेरिकन वाल्व लगाने का खर्चा ढाई से तीन लाख आता है। जो एक गरीब साधनहीन के लिए खर्च करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि दिल्ली से ओपन हार्ट सर्जरी के लिए 12 मशीनें लायी गयी थीं। केवल इस आपरेशन के लिए ही यह मशीनें यहां लायी गयी थीं। ओपन हार्ट सर्जरी में 4 से साढ़े चार घंटे का समय लगता है। 54 वर्षीय डा.ओपी यादव ने बताया कि अब तक वह 10 हजार ओपन हार्ट सर्जरी कर चुके हैं। आपरेशन से पहले वह इसकी सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को वर्तमान में जीना सीखना चाहिए, गए कल व आने वाले कल की चिंता नहीं करनी चाहिए। हृदय रोग तनाव, धूम्रपान व नशे जैसी प्रवृत्ति से होता है। इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए।

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