Sunday, 17 May 2009

नैनीताल से बाबा ने बचदा को हराकर फिर पकड़ी दिल्ली की राह

-अल्मोड़ा में प्रदीप टम्टा ने ढहाया भाजपा का 18 साल पुराना किला कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुमाऊं की दोनों सीटें अपनी झाोली में डाल ली हैं। नैनीताल से केसी सिंह बाबा लगातार दूसरी बार विजयी रहे हैं, जबकि अल्मोड़ा सीट कांग्रेस ने भाजपा से छीनी है। यहां से प्रदीप टम्टा ने बाजी मार ली है। बसपा को तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा, जबकि शेष प्रत्याशियों को जमानतें तक बचाने के लाले पड़ गए। यहां अंतिम चरण में 13 मई को मतदान हुआ था। नैनीताल सीट के लिए हल्द्वानी और रुद्रपुर में मतों की गिनती की गई, जबकि अल्मोड़ा सीट की मतगणना संबंधित चारों जिला मुख्यालयों पर की गई। शनिवार को सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के कुछ देर बाद ही देश के साथ कुमाऊं में भी हवा कांग्रेस की महक देने लगी। नौ बजते-बजते दोनों सीटों पर पहले चरण की गिनती पूरी होते ही कांग्रेस प्रत्याशियों के बढ़त लेने की खबरें आने लगीं। लेकिन शुरुआती कई चरणों में भाजपा व कांग्रेस के मामूली अंतर से आगे-पीछे रहने का भी सिलसिला चला। बाद में तस्वीर साफ होती गई और अंतत: कांग्रेस ने मैदान जीत लिया। नैनीताल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के बची सिंह रावत को 88 हजार 412 मतों से शिकस्त दी। केसी सिंह बाबा को 321377 और बची सिंह रावत को 232965 मत मिले। बसपा प्रत्याशी नारायण पाल 143515 मत पाकर तीसरे और समाजवादी पार्टी के प्रेम प्रकाश सिंह चौथे स्थान पर रहे। उन्हें 20455 वोट मिले। उक्रांद के नरायण सिंह जंतवाल मात्र 9319 मतों पर ही सिमट गए। इस सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में थे। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने अप्रत्याशित रूप अजय टम्टा को पराजित कर भाजपा का 18 साल पुराना किला खण्डहर में तब्दील कर दिया। प्रदीप टम्टा ने भाजपा के अजय टम्टा को 6950 वोटों से पराजित किया। यह सीट पिछले चार लोस चुनाव से भाजपा के बची सिंह रावत के पास थी। परिसीमन के बाद यह सीट आरक्षित घोषित कर दी गई तो बची सिंह रावत चुनाव लडऩे नैनीताल आ पहुंचे, जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। अल्मोड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को 200824 और भाजपा के अजय टम्टा को 193874 मत हासिल हुए। अजय टम्टा प्रदेश भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। बसपा के बीआर धौनी 44492 वोट पाकर तीसरे और निर्दलीय हरीराम 11718 मतों के साथ चौथे नंबर पर रहे। इस सीट पर उक्रांद उम्मीदवार पांचवें पायदान पर खिसक गया। उसके प्रत्याशी रणजीत विश्वकर्मा को मात्र 11659 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। अल्मोड़ा सीट से 10 उम्मीदवार मैदान में थे। यह सीट मंडल के चार अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत जनपदों को मिलाकर बनी है। इस संसदीय चुनाव में बागेश्वर जिले में ही कुछ लाज बचाने में सफल रही। शेष तीनों जिलों में उसे पराजय का सामना करना पड़ा। दोनों लोकसभा सीटों के लिए 13 मई को मतदान हुआ था।

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