Thursday, 14 May 2009
अब तुंगनाथ धाम के तीर्थयात्री भी हुए पैदल
चोपता घोड़ा पड़ाव में दर्जनों घोड़े पड़े बीमार, कई की हालत चिंताजनक बनी
ऊखीमठ/रुद्रप्रयाग।
गौरीकुड में घोड़ों में फैली कॉलिक बीमारी से घोड़ों के मरने का सिलसिला
अभी थमा भी नहीं कि अब प्रसिद्ध तुंगनाथ धाम की यात्रा के लिए चोपता घोड़ा पड़ाव में दर्जनों घोड़े बीमार पड़ गए हैं। यहां कई घोड़ों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वहीं, गौरीकुंड में अभी तक घोड़ों के मरने की सं2या २४ तक पहुंच गई है। वहीं, एक घोड़े की सोनप्रयाग में सड़क से नीचे गिरने से मृत्यु हो गई है।देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को प्रसिद्ध तुंगनाथ धाम की यात्रा के लिए चोपता में स्थित लगभग पांच दर्जन घोड़े कॉलिक बीमारी की चपेट में आ गए हैं। यहां मौजूद घोड़ों का उपचार न होने से कइयों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। घोड़ा मालिक अवतार सिंह चौहान का कहना है कि घोड़ों को तेज बुखार के साथ लगातार खांसी हो रही है। वहीं, केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने डीएम को टेलीफोन पर उ1त जानकारी देते हुए शीघ्र घोड़ों के उपचार को पशु चिकित्सकों की टीम भेजने को कहा। इधर, सीबीओ आरके वर्मा का कहना है कि गुरुवार को चिकित्सकों की टीम चोपता के लिए रवाना कर दी जाएगी। गौरीकुंड में घोड़ों की स्थिति में सुधार हो रहा है।
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