Sunday, 24 May 2009
रामपुर तिराहा कांड
सीबीआई को केस चलाने की दी थी अनुमति
विशेष अदालत में गृह सचिव ने की अनुमति देने की पुष्टि
मुजफ्फरनगर, चर्चित रामपुर तिराहा कांड के सीबीआई बनाम ब्रजकिशोर मामले में तत्कालीन प्रमुख गृह सचिव हरिश्चंद्र गुप्ता की विशेष सीबीआई अदालत में गवाही हुई। उन्होंने अपनी गवाही में सीबीआई को आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति देने की पुष्टि की है।
अलग राज्य उत्तराखंड की मांग को लेकर गांधी जयंती पर धरना प्रदर्शन करने जा रहे उत्तराखंडियों को एक अक्टूबर 1994 की रात मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा के पास स्थानीय प्रशासन ने आगे बढऩे से रोक दिया था। शासन के आदेश पर हुई इस कार्रवाई का बसों में सवार उत्तराखंडियों ने जब विरोध किया तो पुलिस की ओर से जबरदस्त फायरिंग हुई, जिसमें कई उत्तराखंडी मारे गए और कई घायल हुए। मुजफ्फरनगर पुलिस पर उत्तराखंडी महिलाओं के साथ दुराचार करने के भी आरोप लगे थे। इतना ही नहीं, पुलिस ने अपनी कार्रवाई को वैधानिक रूप देने के लिए उत्तराखंडियों के खिलाफ मुजफ्फरनगर के छपार व अन्य थानों में कई धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर दिया था।
यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 12 जनवरी 1995 को केंद्रीय जांच ब्यूरो को इसकी जांच सौंपी थी। सीबीआई की जांच में उत्तराखंडियों पर लगाए गए तमाम आरोप फर्जी पाए गए। इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर मुजफ्फरनगर में विशेष सीबीआई अदालत का गठन हुआ और सीबीआई की ओर से तीन वाद सीबीआई बनाम एससी मिश्रा व अन्य (खतौली के कोतवाल एससी मिश्रा पर उत्तराखंडी युवक राजेश नेगी की लाश छिपाने का आरोप), सीबीआई बनाम ब्रजकिशोर व अन्य (झिांझााना के एसओ ब्रजकिशोर पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने के लिए सरकारी कागजों में हेराफेरी करने व फर्जी शस्त्र बरामदगी के आरोप) और सीबीआई बनाम मोती सिंह (नगर कोतवाली के प्रभारी मोती सिंह पर कागजों में हेराफेरी करने के आरोप) दायर किए गए।
तीनों मामले विशेष सीबीआई अदालत एसीजेएम प्रथम मुजफ्फरनगर की अदालत में विचाराधीन हैं। गुरुवार को सीबीआई बनाम ब्रजकिशोर मामले में तत्कालीन प्रमुख गृह सचिव हरिश्चंद्र गुप्ता की गवाही हुई। झिांझााना थाने के तत्कालीन एसओ ब्रजकिशोर सहित चार आरोपियों (सभी पुलिसकर्मी) के खिलाफ गृह सचिव ने ही सीबीआई को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि गुरुवार को हुई गवाही में उन्होंने कोर्ट में पूर्व के कागजात का अवलोकन करने के बाद अपने द्वारा दी गई अनुमति की पुष्टि कर दी। अब इस प्रकरण की अगली सुनवाई दो जून को होगी। बाकी दोनों मामलों में 25 मई की तिथि लगी हुई है।
हाजिर रहा प्रशासनिक अमला
मुजफ्फरनगर : हरिश्चंद्र गुप्ता फरवरी 1995 से नवंबर 1995 तक उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव गृह के पद पर तैनात रहे। उसके बाद उनकी केंद्रीय नियुक्त हुई और वे भारत सरकार के कोयला विभाग में सचिव के पद पर पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैैं। गुरुवार को मुजफ्फरनगर में आगमन के दौरान प्रशासन के कुछ अधिकारी उनके स्वागत में लगे रहे।
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