Monday, 9 March 2009

पौड़ी में पानी के लिए बहने लगा पसीना

Mar 9, 02:02 am पौड़ी गढ़वाल। लगता है गर्मी के साथ-साथ पेयजल किल्लत ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। पर्यटन नगरी पौड़ी में दिन-प्रतिदिन पेयजल संकट गहराता जा रहा है। गर्मी शुरू होने के साथ ही यहां पानी के लिए छटपटाहट शुरू हो गई है। पेयजल किल्लत पर्यटन नगरी पौड़ी की आज नहीं बल्कि वर्षो पुरानी समस्या है, लेकिन इस साल पेयजल किल्लत ने लोगों को पानी के लिए तरसने के लिए अभी से मजबूर कर दिया है। इस साल कड़ाके की ठंड में भी पौड़ीवासियों को पानी के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों पर निर्भर रहना पड़ा। असल में कोढ़ में खाज यह है कि पौड़ी को पेयजल मुहैया कराने वाली श्रीनगर-पौड़ी एक एमएलडी और श्रीनगर-पौड़ी दो एमएलडी दोनों योजनाओं के पाइप इतने क्षतिग्रस्त हो चुके है कि महीने में कम से कम दो बार पेयजल किल्लत होना आम बात हो चुकी है। गर्मियों की दस्तक के साथ पेयजल किल्लत ने भी कदमताल शुरू कर दी है। नतीजतन पौड़ी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पिछले दस दिनों से पौड़ी में हर रोज आधा शहर पानी से महरूम रह रहा है। असल में बर्फबारी होने से ध्वस्त हुई विद्युत व्यवस्था के चलते यहां ट्रांसफार्मरों की विद्युत क्षमता कम हो गई है। इससे पेयजल वितरण के लिए पंपिंग संचालन व्यवस्था पूरी तरह डगमगा गई है। इसके अलावा शहर के कई पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गए है। जल संस्थान के तमाम प्रयास असफल ही साबित हो रहे हैं। समस्या से वैकल्पिक निजात दिलाने के लिए जल संस्थान ने पौड़ी में अपर और लोअर जोन में बारी-बारी से पानी की आपूर्ति बंद कर रखी है। नतीजतन लोगों को प्राकृतिक स्त्रोतों पर भी अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। संपर्क करने पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता वीके अग्रवाल ने बताया कि पेयजल किल्लत ठीक होने में अभी चार दिन का समय और लगेगा।

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