Monday, 2 March 2009
जागर से लेकर छपेली व झोड़ा का अनूठा प्रदर्शन
२,३,९-, हल्द्वानी: समरसता मेले में जागर से लेकर झोड़ा, छपेली आदि लोकगीत व लोकनृत्य का अनूठा प्रदर्शन देखते ही बन रहा था। साथ ही मेले में लगे स्टॉल भी दर्शकों के लिये आकर्षण का केन्द्र रहे। शाम से समय कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत व सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। श्री रावत व श्री कोश्यारी ने लोक संस्कृति के इस कार्यक्रम की सराहना की। साथ ही संस्कृति के संरक्षण के लिये किये जा रहे थे प्रयास की भी प्रशंसा की। इसके लिये आयोजकों को बधाई दी। इससे पहले समरसता गोष्ठी में स्वामी विजयानंद ने कहा कि समरसता को देश के साथ जोड़कर देखना चाहिये। देश का समरस होना ही जागरुकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय संस्कृति को उच्च शिखर पर ले जाने के लिये सभी को एक होना होगा। मेले में कुमाऊं संस्कृति उत्थान समिति खुर्पाताल ने जागर की सुंदर प्रदर्शन किया। साथ ही इसके जरिये जागरुकता का संदेश दिया। वेन्डी पब्लिक स्कूल के देशभक्ति नृत्य ने मन मोहा। बाराही लोक कला, प्रहलाद मेहरा की ओर से झोड़ा, छपेली की मनमोहक प्रस्तुति ने झूमने को मजबूर कर दिया। साथ ही दर्शकों ने स्टाल भी देखे। समिति के अध्यक्ष कौस्तुभानंद जोशी ने कहा कि लोकसंस्कृति का संरक्षण ही मेले का मुख्य उद्देश्य है। इस दौरान प्रदीप जनोटी, दिनेश पाण्डे, अशोक कुमार, विपिन कुमार आदि उपस्थित थे।
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