Monday, 2 March 2009

अपहरणकर्ताओं के साथ हल्द्वानी पहुंची पुलिस टीम

हल्द्वानी: अपहृत बच्चे के अपहरणकर्ताओं को लेकर पुलिस टीम रविवार को बिहार के बेतिया से लेकर यहां आ गयी। इन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस बच्चे के बयान भी मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराने की तैयारी कर रही है। ट्रांजिट रिमांड होने के चलते आरोपियों को सामने नहीं लाया गया। रविवार को पुलिस टीम के उत्तम सिंह जिमवाल व उमेश मलिक ठेकेदार शंभू व उसके अपहृत बच्चे के साथ सीओ देवेंद्र पिंचा व कोतवाल केएस असवाल को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। सीओ ने बताया कि अपहरण करने वाला मुन्ना अकेला था। वह 12 फरवरी को हल्द्वानी पहुंचा तथा 13 फरवरी को ठेकेदार के घर जायजा लेने गया। इस बीच उसने एक दिन यहां मजदूरी भी की। 15 फरवरी को वह फिर ठेकेदार के घर गया और वहां से बच्चे को साइकिल से घुमाने के बहाने उठा लिया। साइकिल अपने परीचित मजदूरों के पास छोड़ कर बस से बरेली निकल गया। जहां से बेतिया तक ट्रेन से गया। तीनों आरोपियों को मंगलवार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा। दान ने खतरे में डाली जान हल्द्वानी: अपहृत बच्चे के पिता व ठेकेदार शंभू के बड़बोलेपन के चलते ही उसके बच्चे की जान खतरे में पड़ी। शंभू ने गांव में बन रहे एक मंदिर में हजारों रुपए दान देने की घोषणा की थी। इसके चलते गांव में आम धारणा थी कि शंभू बहुत धनवान है। इसीके चलते अपहरणकर्ताओं ने उसके बच्चे का अपहरण किया। गौने के लिए मांगे थे जूते व कपड़े हल्द्वानी: अपहर्ता मुन्ना का होली के बाद गौना होना था। इसके लिए उसे नए कपड़े व जूते की जरूरत थी। पिछले काफी समय से काम न मिलने के चलते उसके पास पैसे भी नहीं थे। मुन्ना ने फिरौती में अपनी इन जरूरतों को भी जोड़ दिया। दुनिया घूमने गए थे हल्द्वानी: साढ़े पांच वर्षीय मासूम विक्की तेरह दिन बाद अपने पिता की गोद में खेल रहा था। पूछने पर मासूमियत से उसने जबाव दिया कि बरेली, गोरखपुर व दुनिया घूमने गए थे। उसे यह भी पता था कि मुन्ना अंकल उसे लेकर गए थे। जो रास्ते में टाफी तो दिए लेकिन मारते भी थे।

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