Thursday, 5 March 2009
संबद्धता में अब नहीं झंझट
देहरादून: कोटद्वार में प्रस्तावित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर एंड जियोइनफोरमेटिक्स को एफिलिएशन के लिए ज्यादा हाथ-पांव नहीं मारने पड़ेंगे। इंस्टीट्यूट की स्थापना करने वाली भारत सरकार कीसंस्था नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट (एनआईआरडी) को जल्द डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलेगा। भारत सरकार के ग्राम्य विकास मंत्रालय की संस्था एनआईआरडी की पहल पर राज्य के खाते में एक और प्रतिष्ठित केंद्रीय शिक्षण संस्थान जुड़ गया है। संस्थान की स्थापना और संचालन पर होने वाला पूरा खर्च एनआईआरडी उठाएगी। राज्य सरकार इस संस्था को भूमि मुहैया करा रही है। इसके लिए कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में करीब 60 एकड़ भूमि अब तक चिन्हित की जा चुकी है। इस संस्थान को एफिलिएशन के लिए राज्य अथवा केंद्र के विश्र्वविद्यालयों का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। संस्थान को एनआईआरडी से ही एफिलिएशन मिलेगा। यूजीसी से दो माह के भीतर ही एनआईआरडी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा हासिल होगा। इस बाबत संस्था के अधिकारियों ने राज्य सरकार को सूचित किया है। यही नहीं, संस्थान का ढांचा, पाठ्यक्रमों की संख्या, फैकल्टी समेत विभिन्न मामलों पर एनआईआरडी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यह रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक कोटद्वार में कृषि शिक्षा संस्थान की स्थापना का रास्ता साफ हो चुका है। राज्य को इस रिपोर्ट का बेताबी से इंतजार है। इसमें संस्थान का पूरा ब्ल्यू प्रिंट दर्ज होगा।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment