Thursday, 5 March 2009

सचिवालय के अनुभाग अधिकारियों, निजी सचिवों व समान संवर्ग पदों को उच्च वेतनमान

देहरादून, सरकार ने आचार संहिता के दायरे में आने से पहले सचिवालय के अनुभाग अधिकारियों, निजी सचिवों व समान संवर्ग पदों को उच्च वेतनमान थमा दिया है। वित्त महकमे ने यह भी साफ किया है कि केंद्र से समानता सिर्फ वेतन में ही नहीं, बल्कि जवाबदेही व कामकाज में भी होनी चाहिए। राजकीय कर्मचारियों, शिक्षकों, बिजली कर्मियों व निगम कर्मियों को छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक उच्च वेतन स्वीकृत किया जा चुका है। इस कड़ी में सचिवालय कार्मिकों को भी तोहफा दिया गया है। वित्त प्रमुख सचिव आलोक जैन ने बताया कि सरकार ने वेतन समिति के चौथे प्रतिवेदन को स्वीकार कर लिया। लिहाजा, उत्तराखंड सचिवालय व इसके समकक्ष विभागों के अनुभाग अधिकारियों, निजी सचिवों व समान संवर्गो के पदों के लिए ग्रेड वेतन में इजाफा किया है। उनके मौजूदा 6500-10500 वेतनमान को संशोधित कर 7500-12000 किया गया है। उनका ग्रेड वेतन 4800 होगा। चार साल पूरा करने पर उन्हें संशोधित वेतनमान 8000-13500 दिया जाएगा। इस अवधि के लिए ग्रेड वेतन 5400 होगा। उच्चीकृत वेतन एक अप्रैल, 2009 से दिया जाएगा। यही नहीं, सरकार ने उच्चीकृत वेतनमान के साथ कुछ शर्ते भी जोड़ी हैं। इसके मुताबिक राज्य सचिवालय का कंप्यूटरीकरण केंद्रीय सचिवालय के कंप्यूटरीकरण की तर्ज पर करने को कहा गया है। सचिवालय कर्मियों से गुणवत्तापूर्ण कार्य, जवाबदेह प्रशासन की अपेक्षा की गई है। अनुभाग अधिकारियों को पत्रावलियों समेत तमाम काम कंप्यूटर पर करने, अनुभागों का रेफरेंस रजिस्टर कंप्यूटर पर रखने, अधीनस्थों के कार्य का हर माह मूल्यांकन और इसकी रिपोर्ट सचिव व अपर सचिव को देनी होगी। निजी सचिवों को कंप्यूटर पर कार्य करने में दक्ष होने के साथ ही ई-मेल व इंटरनेट की अच्छी जानकारी रखनी होगी। अधिकारी की गैर मौजूदगी में उन्हें विभागों व अनुभागों से तालमेल रखना होगा।

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