Thursday, 5 March 2009
प्रशासनिक पद छोड़ो या लो उच्च वेतन
देहरादून सरकारी शिक्षकों और प्रधानाचार्यो को पदोन्नति के बाद शैक्षणिक कैडर से प्रशासनिक कैडर में छलांग लगाना मुमकिन नहीं होगा। केंद्रीय उच्च वेतन का लाभ उठाने वालों के लिए सरकार ने सिर्फ शैक्षणिक कैडर का रास्ता ही खुला छोड़ा है। सरकार ने शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्यो को केंद्र के समान वेतन देने की मंजूरी तो दी है, साथ में शैक्षणिक व प्रशासनिक कैडर अलग-अलग कर दिए हैं। शिक्षा महकमे में पदोन्नति के रूप में शिक्षकों व प्रधानाचार्यो को अब दो लाभ एक साथ नहीं मिलेंगे। शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान संबंधी आदेश में उच्चीकृत वेतनमान सिर्फ शैक्षणिक कैडर पर ही लागू किया गया है। केंद्र सरकार की व्यवस्था भी कमोवेश यही है। राज्य ने वेतन के साथ कार्यप्रणाली में भी अब केंद्र के साथ समानता की प्रणाली स्वीकार कर ली है। इससे महकमे के सामने नया संकट भी खड़ा हो गया है। अभी विकासखंडों में वरिष्ठ प्रधानाचार्य बीईओ का जिम्मा संभाले हुए हैं। पुरानी व्यवस्था में शिक्षकों व प्रधानाचार्यो को शैक्षणिक व प्रशासनिक कैडरों का समान रूप से लाभ उठाने की छूट मिली थी। इसके चलते ही अभी तक राजकीय इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यो को बेसिक व माध्यमिक में एडीईओ के साथ ही डीईओ की जिम्मेदारी से नवाजा जा रहा है। हाल ही में हुए तबादलों में भी कुछ अफसरों को इंटर कालेज प्रधानाचार्य व प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत को प्रशासनिक पदों पर भेजा गया है। अब उच्च वेतनमान सिर्फ शैक्षणिक कैडर का विकल्प लेने पर ही मुहैया होगा। अभी तक प्राइमरी शिक्षक जूनियर हाईस्कूल हेडमास्टर के बाद उप खंड शिक्षा अधिकारी के कैडर में भी जाते रहे हैं। प्राइमरी शिक्षा के राजकीयकरण के बाद उनके लिए इंटर कालेज प्रधानाचार्य और फिर विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) समेत विभिन्न प्रशासनिक पदों पर पदोन्नति का विकल्प है। माध्यमिक शिक्षक भी हाईस्कूल प्रधानाध्यापक व इंटर कालेज प्रधानाचार्य पद से पदोन्नति के बाद प्रशासनिक पदों को संभाले हुए हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस नई समस्या के लिए शासन और महकमा कारगर समाधान ढूंढ नहीं पाया है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से फिलहाल नई अथवा मौजूदा पुरानी व्यवस्था से छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं है। चुनाव के बाद ही इस बारे में निर्णय लिया जा सकेगा।
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कुछ समझ में नहीं आया। प्रशासनिक केडर कौनसा है तथा शैक्षणिक कौनसा? साथ ही केन्द्रीय वेतनमान में कहाँ लिखा है कि इसका लाभ केवल शैक्षणिक केडर को ही दिया जाएगा?
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