Monday, 2 March 2009

औली: मजाक बना स्कीइंग प्रशिक्षण

देहरादून: औली में सैफ देशों के स्कीइंग खिलाडि़यों का प्रशिक्षण मजाक बनकर रह गया है। बर्फ के अभाव में नेपाल तथा भूटान के खिलाड़ी इधर-उधर भटक रहे हैं। ओलंपिक एसोसिएशन ने 20 फरवरी से चार मार्च तक प्रशिक्षण शेड्यूल किया था। इसी के तहत सैफ देशों को आमंत्रित किया गया था। इस समय भूटान के 18 तथा नेपाल के 12 खिलाड़ी औली में हैं। ये खिलाड़ी 19 फरवरी को उत्तराखंड पहुंच गए थे। बर्फ के अभाव में उन्हें गौरसौं तक ले जाया जा रहा है। वहां भी बर्फ काफी कम होने के कारण ऐसे छाया वाले स्थानों को ढूंढा जा रहा है, जहां फिसलने को कुछ तो बर्फ मिल जाए। विंटर गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष एसएस पंागती के अनुसार ये सभी विदेशी नौसिखिए हैं। इन्हें गढ़वाल मंडल विकास निगम के दो पार्ट टाइम प्रशिक्षक प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस कार्यक्रम को लेकर निगम तथा खेल विभाग के बीच भी कोई तालमेल नहीं बन पा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले किसी को बताए बिना निगम ने कार्निवल स्थगित कर दिया। छह से आठ मार्च तक होने वाले कार्निवल के लिए राज्य सरकार भी सहमत नहीं थी, क्योंकि लोस चुनाव की कभी भी अधिसूचना लागू हो सकती है। साथ ही, सबसे बड़ी समस्या बर्फ को लेकर आ रही है। प्राकृतिक बर्फ औली तो दूर गोरसौं तक में नहीं है। कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीन कब तक काम कर पाएगी, यह बताने को कोई तैयार नहीं है। इस मशीन पर अब तक दस करोड़ के करीब खर्च हो चुका है। यदि कृत्रिम बर्फ बनाने वाली संपूर्ण प्रक्रिया को भी इससे जोड़ दिया जाए तो यह बारह करोड़ के करीब चला जाएगा। अब इस मशीन का उपयोग इस वर्ष के अंत तक जाड़ों में ही हो पाएगा। तब तक इसके जंक की चपेट में आने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। एक बात और। बर्फ बनाने को तैयार किया गया तालाब पर्यटन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने वाले एक निजी होटल क्लिफ टाप वरदान बनने जा रहा है। अगले जाड़ों तक होटल वाले इसका प्रयोग करने को तैयार हैं।

No comments:

Post a Comment