Monday, 2 March 2009

विलायती को भायी दून की माटी

देहरादून, : विलायती फूलों को दून की माटी खूब रास आ रही है। यूरोपीय परिवेश में रचे-बसे जिस खूबसूरत कैलालिलि फूल के हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जैसे हिमालयी राज्यों में व्यावसायिक उत्पादन के प्रयास रंग नहीं ला पाये, वही अब राज्य की शान बनने जा रहा है। ऐसा संभव हो पाया पुष्पोत्पादक राजेश चौधरी के प्रयासों से। यूरोपीय पुष्प कैलालिलि (जैंटेडेशिया) की न सिर्फ यूरोप, बल्कि विश्र्व के अन्य देशों में भी जबर्दस्त डिमांड है। दून की सरजमीं पर इस फूल ने पुष्पोत्पादक अशोक चौधरी के प्रयासों से दस्तक दी। दैनिक जागरण से भेंट में श्री चौधरी ने बताया कि कैलालिलि बेहद खूबसूरत है, लेकिन राज्य में कहीं नजर नहीं आता था। श्री चौधरी के अनुसार उन्होंने इसके लिए किशनपुर में दो साल पूर्व पॉलीहाउस में इस फूल के पौधे लगाए। कोशिशें रंग लाईं और दून में यह खूबसूरत फूल महक उठा। मार्केटिंग के लिए इसकी पैकिंग काफी कठिन होने के मद्देनजर ऐसी तकनीक भी ढूंढ ली, जिससे फूल सुरक्षित रहे। वह दिल्ली में इसकी मार्केटिंग करते हैं। बाजार में कैलालिलि के एक फूल की कीमत 80 रुपए के करीब है। आकर्षण का केंद्र स्पि्रंग ऑफ कलर्स : पुष्प प्रदर्शनी में इस मर्तबा पहली बार कैलालिलि को प्रदर्शित किया गया। इस खूबसूरत फूल ने न केवल पुष्पप्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा, बल्कि व्यावसायिक श्रेणी में श्रेष्ठता भी हासिल की।

1 comment:

  1. Great work done by Ashok Chaudhari. Its seems that we have ample resoruces in our own state the only thing is someone focus on the way to develop it and make it famous in the market. Really Great Work!

    MPandey
    Florida

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