Monday, 2 March 2009
ताज न सज सका हो, लेकिन दूनवासियों के दिलों का तो वह सरताज
देहरादून, : आंखों में उम्मीद के दीए और भगवान के सामने जुड़े हुए हाथ, ये बताने के लिए काफी थे कि इस बार इंडियन आइडल के तौर पर देश भर में धूम मचाने वाली आवाज उत्तराखंड के बेटे की हो। बात हो रही है, इंडियन आइडल में फर्स्ट रनर अप कपिल थापा के गांव की, जहां देर रात तक कपिल की कामयाबी का जश्न मनाया जाता रहा। रविवार को कपिल के सर भले ही इंडियन आइडल का ताज न सज सका हो, लेकिन दूनवासियों के दिलों का तो वह सरताज बन चुका है। इंडियन आइडल में टाप टू में पहंुचने वाले पहले उत्तराखंडी के तौर पर उसकी कामयाबी पर हर किसी को फख्र है। इंडियन आइडल सीजन 4 की शुरुआत से ही दूनवासियों की निगाहें इस पर लगी हुई थीं। इसकी वजह थी दून से प्रियंका नेगी और कपिल थापा की शो में भागीदारी। प्रियंका की चुनौती तो काफी पहले ही खत्म हो गई थी, लेकिन कपिल ने उत्तराखंड के लिए आस जगाए रखी थी। कपिल के टाप थ्री में पहंुचने के बाद तो हर कोई उसी को इंडियन आइडल के तौर पर देखना चाहता था। रविवार को शो का फाइनल राउंड शुरू होते ही दूनवासी अपने टीवी सेटों से चिपके रहे। दून स्थित कपिल के गांव नयागांव हाथीबड़कला में तो जश्न का माहौल रहा। शाम से ही सभी लोग गांव के एक मैदान में इकट्ठा होने लगे थे। यहां एक बड़ा टीवी स्क्रीन लगाया गया था। गांववाले ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते-थिरकते कपिल की कामयाबी की दुआ मांग रहे थे। ठीक साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही नए इंडियन आइडल की घोषणा की गई, कुछ पल के लिए मौके पर मायूसी छा गई। वजह, कपिल दूसरे स्थान पर रहा, लेकिन गांववालों ने इसे भी बड़ी कामयाबी के तौर पर लिया और ढोल नगाड़ों के साथ निकल पड़े शहर की ओर। इस दौरान कपिल की कामयाबी पर नारेबाजी करते लोग प्रमुख मार्गो से गुजरते हुए घंटाघर पहुंचे। यहां उन्होंने जमकर आतिशबाजी की और मिठाइयां बांटी।
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