2.3.9
देहरादून मौजूदा समय में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में से एकमात्र पूर्ण मैदानी विधानसभा सीटों वाली लोकसभा सीट हरिद्वार को भी नए परिसीमन ने पहाड़ से जोड़ दिया है। फिलहाल सबसे कम विधानसभा सीटों को समेटे इस लोकसभा सीट में अब देहरादून जिले की तीन विधानसभा सीटें जुड़ जाने से इसका राजनैतिक भूगोल खासा दिलचस्प बन गया है। यह सवाल भी शिद्दत से उठ खड़ा हुआ है कि बदला हुआ भूगोल क्या इस लोकसभा सीट के इतिहास को भी बदल डालेगा। अब लाजिमी तौर पर नए परिसीमन के बाद इस सीट से वही चुनावी गंगा पार कर पाएगा जिसके पैर मैदान में तो मजबूती से जमें ही, पहाड़ में भी न रपटें। मौजूदा समय में हरिद्वार लोकसभा सीट के तहत जो नौ विधानसभा सीटें हैं वे अकेले हरिद्वार जिले में ही हैं। इस लिहाज से यह लोकसभा सीट अनूठी कही जा सकती है कि जहां राज्य के बारह जिलों में चार लोकसभा सीटें फैली हैं, वहीं एक हरिद्वार जिले में ही पूरी लोकसभा सीट विस्तृत है। नए परिसीमन में हरिद्वार जिला इस दृष्टिकोण से फायदे में रहा कि यहां दो विधानसभा सीटों की बढ़ोतरी हो गई और अब यहां नौ की बजाए ग्यारह विधानसभा सीटें हो जाएंगी। जिले की विधानसभा सीटों में वृद्धि की यह स्थिति यहां जनाधार रखने वाले दलों के लिए सूबे की सियासत के लिहाज से नि:संदेह फायदे का सौदा बनेगी लेकिन नए परिसीमन के बाद प्रत्येक लोकसभा सीट में 14-14 विधानसभा सीटों के बटवारे ने लोकसभा चुनाव में इन दलों के समक्ष मुश्किलें भी पैदा कर दी हैं। यह इसलिए क्योंकि अब इस मैदानी लोकसभा सीट में तीन सीटें पहाड़ की जुड़ रही हैं और इस वजह से इस सीट के तमाम राजनैतिक व जातीय समीकरण उलटफेर के शिकार हो जाएंगे। दरअसल, नए परिसीमन के हिसाब से हरिद्वार की ग्यारह सीटें तो जिले में ही विस्तृत हैं जबकि जो तीन नई सीटें इस लोकसभा सीट में शामिल हुई हैं वे देहरादून जिले की हैं। ये सीटें हैं धरमपुर, डोईवाला और ऋषिकेश। इस तीनों सीटों के हरिद्वार लोकसभा सीट में जुड़ने का सीधा मतलब है इस सीट के मौजूदा भूगोल में खासा परिवर्तन। वर्तमान लोकसभा में इन तीनों विधानसभा सीटों के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र टिहरी लोकसभा का हिस्सा है, यानी पूर्ण पर्वतीय टिहरी लोकसभा सीट के इस क्षेत्र के मतदाता नए परिसीमन में अब तक पूर्ण मैदानी लोकसभा सीट हरिद्वार का सांसद चुनने के लिए वोट डालेंगे। स्वाभाविक रूप से टिहरी जैसी पहाड़ी और हरिद्वार जैसी मैदानी लोकसभा सीटों के मतदाताओं मिजाज में तो फर्क होगा ही और यही फर्क परिसीमन में बाद उभरी हरिद्वार लोकसभा सीट की नई तस्वीर को दिलचस्प बना रहा है।
No comments:
Post a Comment