Saturday, 7 March 2009
राज्य के 17 संस्कृत महाविद्यालयों को मिलेगा अनुदान
, हल्द्वानी: राज्य सरकार संस्कृत भाषा के लिये सजग है। प्रतिमाह नये आदेश हो रहे हैं। दो मार्च को ही 17 वित्त रहित संस्कृत विद्यालयों को अनुदानित विद्यालयों की तरह अनुदान दिये जाने की संस्तुति कर दी गयी है। यह जानकारी शुक्रवार को संस्कृत विभाग के संयुक्त निदेशक डा. वाचस्पति मैठाणी ने दी। भैरव चौक स्थित श्री काल भैरव आश्रम में आयोजित बैठक के दौरान पत्रकार वार्ता में डा. मैठाणी ने बताया कि संस्कृत के लिये पिछले कई वर्षो में जो कार्य नहीं हुआ, अब दो वर्षो में हो गया है। दो नवंबर 2007 को संस्कृत शिक्षा विभाग का गठन हो गया। इसमें पद सृजित कर दिये गये हैं। उत्तराखंड के अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों के कार्मिकों को सरकारी व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के कार्मिकों के समान वेतनमान व अन्य लाभ दिये जाने की स्वीकृति भी प्रदान की है। डा. मैठाणी ने बताया कि संस्कृत शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के लिये गढ़वाल मंडल के चमोली जनपद के ग्राम किमोठा और कुमाऊं के बागेश्र्वर जनपद के भंतोला ग्राम को संस्कृत ग्राम घोषित किया है। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के कार्याें को सुचारु रुप से संचालित करने के लिये कार्यकारिणी समिति गठित की है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के कार्मिकों के समान वेतनमान व अन्य लाभ दिया सराहनीय कदम है।
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