Saturday, 7 March 2009
अब रंग दिखाएगा लोक संपत्ति विरूपण एक्ट
देहरादून: हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रभावी उत्तराखंड लोक संपत्ति विरूपण एवं निवारण एक्ट की उपयोगिता अब साबित होगी। देखने वाली बात यह होगी कि अब किस तरह लोक एवं निजी संपत्तियों को खराब होने से बचाया जा सकेगा। लोक संपत्ति विरूपण एवं निवारण एक्ट प्रभावी होने के बाद राज्य में पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं। इस चुनाव में एक्ट की उपयोगिता का पता चल पाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने सतेंद्र कुमार बनाम सरकार नामक एक जनहित याचिका पर निर्णय देते हुए सरकार को इस संबंध में कानून बनाने के निर्देश दिए थे। सूबे में प्रभावी एक्ट में लोक या निजी संपत्ति का विरूपण करने पर दंड का प्रावधान है। इसके लिए डीएम अथवा नगर निकाय अथवा ग्राम सभा का प्राधिकारी लोक संपत्ति को विरूपित करने वाले को नोटिस देगा। संबंधित व्यक्ति को एक सप्ताह में संपत्ति को यथास्थिति में लाना होगा। ऐसा करने में विफल रहने पर डीएम अथवा संबंधित प्राधिकारी द्वारा नियत की गई धनराशि दंड के रूप में जमा करनी होगी। ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी। अभी तक लोक संपत्ति को खराब करने संबंधी तमाम मामले सामने आते रहे हैं पर समुचित प्रावधान न होने से प्रशासन कार्यवाही से कतराता रहा है। अब दंडित करने और जुर्माना वसूलने की व्यवस्था स्पष्ट तौर पर की गई है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या चुनाव में लोक संपत्ति को विरूपित करने वाले राजनीतिक दलों का क्या रुख रहता है।
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