Monday, 9 March 2009

अपने खास दिन को नहीं जानतीं ये रामनगर: पूरे विश्व में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। जगह-जगह कार्यक्रम हुए और महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें भी की गई। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को नहीं मालूम कि महिला दिवस क्यों मनाया जाता है। उनको तो बस यही मालूम है कि घर की दो जून की रोटी का कैसे जुगाड़ करना है। टेड़ा रोड निवासी पुष्पा देवी को महिला दिवस के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि हम नहीं जानते आज तो केवल रविवार है। पुष्पा देवी और उनके साथ लकड़ी का बोझा ढोने वाली ललिता ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि सरकार महिलाओं के लिए क्या कर रही है। हम तो बस रोजाना इसी तरह लकड़ी बेचकर अपने बच्चों का पेट पालते हैं। जिस दिन हमें अच्छा पैसा मिल जाता है वही दिवस हमारे लिए सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार गरीबों की तरफ ध्यान नहीं देती इसीलिए हमें किसी को भी वोट नहीं देना है।

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