Sunday, 1 March 2009
राज्य आंदोलनकारियों की परिकल्पना होगी साकार
28.2.9-
देहरादून, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता सदन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कहा कि उनकी सरकार आंदोलनकारियों की परिकल्पना का राज्य बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पक्ष-विपक्ष के बीच मतभेद स्वाभाविक हैं। सरकार यथासंभव अपनी कमियां दूर करने का प्रयास करेगी। यूं भी कांग्रेस छोटे राज्यों की हिमायती नहीं रही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तथा अगले वर्ष की शुरुआत तक औली में अंतर्राष्ट्रीय शीलकालीन खेल आयोजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उद्योगों के पलायन संबंधी विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पैकेज की सीमा 2013 तक नहीं बढ़ा रही है। ऐसे में नए उद्योग आने से कतरा रहे हैं। उन्होंने स्कूलों में कंप्यूटरों के जंक खाने पर चिंता जताई। उन्होंने श्रीनगर मेडिकल कालेज की हालत ठीक करने संबंधी प्रयासों की जानकारी दी। आबकारी नीति के बारे में उन्होंने कहा कि रेवन्यू बढ़ाना सरकार का उद्देश्य नहीं है। उन्होंने नई ऊर्जा नीति के बारे में बताया। श्री खंडूड़ी ने कहा कि 1.74 लाख लोगों को एक साल में पेंशन का लाभ दिया गया है। राजधानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि आठ साल में हम इसका हल नहीं निकाल पाए हैं। इसका जब भी समाधान होगा, सभी से पूछा जाएगा। आईआईएम के बारे में पर्वतीय राज्य के लिए जमीन का मानक कम करने का अनुरोध किया गया है और पांच स्थान सुझाए गए हैं। इस पर केंद्र को निर्णय लेना है। नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत ने कहा कि राज्य का विकास टुकड़ों में हो रहा है, जो अत्यधिक महंगा पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से पर्वतीय राज्य के विकास के लिए एक समेकित मास्टर प्लान बनाने का अनुरोध किया। इससे पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रेमचंद्र अग्रवाल, आशा नौटियाल, चौ.यशवीर सिंह, गणेश जोशी, अनिल नौटियाल, मनोज तिवारी, निजामुद्दीन, मुन्ना सिंह चौहान, प्रीतम सिंह और केदार सिंह फोनिया ने विचार व्यक्त किए। सदन में विपक्ष के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment