4 feb-
शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान देहरादून,
: चुनावी बेला पर राज्य के प्राइमरी से माध्यमिक तक हजारों शिक्षकों की बल्ले-बल्ले हो गई है। राज्य सरकार ने उन्हें केंद्रीय शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार ने शिक्षकों को उनकी एक सूत्रीय मांग के मुताबिक वेतन तो दिया है, लेकिन केंद्रीय शिक्षकों की तर्ज पर ही उनकी दक्षता व कार्यकुशलता का आकलन किया जाएगा। इसके लिए उन्हें शैक्षिक स्तर बनाए रखने के कड़े मानकों पर खरा उतरना होगा। अगला उच्चतर वेतनमान देने से पहले नियमित अंतराल में उनकी कार्य क्षमता परखी जाएगी। छठवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में एक जनवरी, 2006 से प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षण संस्थाओं के शैक्षणिक पदों को रिप्लेसमेंट स्केल उच्चीकृत किया गया है। इसका लाभ शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मिलेगा। वित्त प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने उक्त संबंध में शिक्षा सचिव के लिए आदेश जारी किए हैं। केंद्रीय शिक्षकों की भांति राज्य के शिक्षकों को एक अप्रैल, 2009 से उच्चीकृत वेतनमान स्वीकृत हुआ है। सरकार ने राज्य के शिक्षकों के साधारण, चयन व प्रोन्नत वेतनमान को केंद्रीय शिक्षकों के समान ग्रेड-तीन, ग्रेड-दो व ग्रेड-एक श्रेणी में वर्गीकृत किया है। प्राथमिक शिक्षक के साधारण वेतनमान 4500-7000, चयन वेतनमान 5000-8000 व प्रोन्नत वेतनमान 5500-9000 को उच्चीकृत कर अब क्रमश: 6500-10500, 7450-11500 व 7500-12000 किया गया है। उन्हें क्रमश: 4200, 4600 व 4800 ग्रेड वेतन मिला है। इसी क्रम में प्राइमरी हेडमास्टर को उच्चीकृत
देहरादून, : छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर बिजली कर्मियों का आंदोलन आखिर रंग ले आया। प्रदेश सरकार ने तीनों बिजली निगमों में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करके करीब 8000 अधिकारी-कर्मचारियों की पांचों उंगलियां घी में डुबो दीं। होली से पहले सबसे बड़ा तोहफा यह, कि छठा वेतनमान तो उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की तर्ज पर मिला, जबकि भत्ते उत्तराखंड की सेवा नियमावली के हिसाब से मिलेंगे। इसका अर्थ यह कि उन्हें राज्य सरकार के मुलाजिमों से ज्यादा पगार मिलेगी। बीते रोज हुए शासनादेश के बाद तीनों बिजली निगमों (ऊर्जा निगम, जलविद्युत निगम व पारेषण निगम) के प्रबंधन ने भी छठे केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप पुनरीक्षित वेतनमान का कार्यालय ज्ञाप जारी कर दिया। शासनादेश के मुताबिक निगमों में छठा वेतनमान एक जनवरी 2006 से लागू होगा। वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप 31 मार्च 2009 तक के एरियर का भुगतान तीन किश्तों में होगा। यानी, वर्ष 2009-10 में 40 प्रतिशत, 2010-11 में 30 फीसदी व 2011-12 में 30 प्रतिशत कर्मचारियों के भविष्य निर्वाह निधि अथवा बाँड के रूप में दिया जाएगा। खास बात यह है कि सूबे के बिजली को छठा वेतनमान तो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के पावर कारपोरेशन की तर्ज पर मिला है, जबकि महंगाई भत्त व अन्य भत्ते उत्तराखंड सरकार के समान अनुमन्य किए गए हैं।
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