Tuesday, 14 July 2009

=स्थायी राजधानी: देहरादून ने बाजी मारी

फिजिबिलिटी रिपोर्ट में गैरसैंण, रामनगर तथा आईडीपीएल पिछड़े, काशीपुर का विकल्प खुला -दीक्षित आयोग की स्थल चयन को लेकर रिपोर्ट सदन में पेश देहरादून, स्थायी राजधानी के लिए उपयुक्त स्थल चयन के मानकों पर देहरादून पूरी तरह खरा उतरा है, जबकि काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) को विकल्प के रूप में लेने की संस्तुति है। गैरसैैंण(चमोली), रामनगर (नैनीताल)तथा आईडीपीएल ऋषिकेश को फिजिबिलिटी के आधार पर दौड़ में शामिल नहीं किया गया। आयोग ने यह भी स्वीकारा कि स्थायी राजधानी के स्थल चयन की समस्या सामाजिक, राजनैतिक, प्रशासनिक व तकनीकी समस्याओं से जुड़ी है। स्थायी राजधानी स्थल चयन को गठित जस्टिस वीरेंद्र दीक्षित आयोग की रिपोर्ट आज से शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में पेश की गई। इसमें पांच स्थलों की फिजिबिलिटी के आधार पर संस्तुति की गई है। मानकों में भौगोलिक केंद्रीयता, जनसंख्या केंद्रीयता, पहुंच मार्ग, परिवहन प्रणाली, वन क्षेत्र, स्थलाकृति, भूकंप, भूस्खलन, स्वीकार्यता, सुरक्षा, बस्तियों का स्वरूप, जलवायु, जल स्रोत, भूमि की उपलब्धता, प्राकृतिक जल निकासी, शहरी विस्तार की संभावना व स्थल विशेष पर निवेश आदि को शामिल किया गया। इन सभी मानकों पर देहरादून की अन्य स्थलों की अपेक्षा सर्वाधिक अनुकूलता रही। आयोग ने देहरादून को स्थायी राजधानी के लिए सबसे बेहतर माना है। काशीपुर को अपेक्षाकृत कठिन जल निकासी, गंगा का प्रवाह क्षेत्र, बांध से संभावित खतरा व पर्यावरणीय पक्ष के आधार पर कमजोर माना गया। इसके बावजूद सुधार की संस्तुतियों के साथ आयोग ने काशीपुर का विकल्प खुला रखा है। तृतीय चरण में आयोग ने देहरादून व काशीपुर के स्थलों का ही विश्लेषण किया। आयोग ने पाया कि देहरादून का नथुवावाला-बालावाला क्षेत्र राजधानी की स्थापना के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। यह स्थल अधिकतर मानकों पर खरा उतरता है। इससे 1200 हेक्टेयर कृषि भूमि निकालने में भी सुविधा रहेगी। इसके लिए करीब 1315 करोड़ की ही आवश्यकता होगी। इसके विपरीत नगर स्तरीय संबद्ध गतिविधियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काशीपुर में 1200 हेक्टेयर भूमि की लागत करीब 4266 करोड़ होगी। यदि देहरादून में चिन्हित स्थल किसी कारणवश शासन द्वारा नहीं लिया जा सकता है तो काशीपुर के चिन्हित स्थल विकल्प के रूप में लिए जा सकते हैैं। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा है कि स्थायी राजधानी के लिए प्रस्तावित स्थल गैरसैैंण, रामनगर व आईडीपीएल ऋषिकेश को द्वितीय चरण की रिपोर्ट के साथ ही दौड़ से बाहर कर दिया गया। हालांकि इन तीनों स्थलों का उपग्रह चित्रों की सहायता से दोबारा परीक्षण भी किया गया। इसके बावजूद इन स्थलों की फिजिबिलिटी को लेकर बने दृष्टिकोण में कोई परिवर्तन नहीं आया। गैरसैैंण की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में स्थलों को पारिस्थितिकीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील माना गया। रामनगर को भी स्थायी राजधानी के लिए उपयुक्त नहीं माना गया, जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश भी स्थल चयन के मानकों को पूरा करने में पिछड़ गया। ऐसे में आयोग ने हर लिहाज से देहरादून को ही स्थायी राजधानी के लिए उपयुक्त माना है।

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