शहीद की चिता
मेरा कारगिल में
शहीद होना व्यर्थ नही जाएगा
मेरी एक एक लहू की बूंद
तुझसे हिसाब लेगी !
तारीख गवाह है
तू ---- अब
अपना कितना भी बचाऊ कर
तू, बचनेवाला नही ....
क्यूंकि तुने -------
अपने सर कलम की तारीख
स्व्यम लिख दी है !
मेरे देश का बच्चा २
हाथो में तिरंगा लेकर
तेरे सर कलम करने को निकल पडा है !
याद रख -----------
जैसे जैसे मेरी चिता पर
आग की लपटे उठेगी
हजारो करोडो ह्रदय में
भारत माता के लिए प्यार
तेरे लिए नफरत पैदा होगी
क्यूँ की ---------
ये नफरत की आग तुने लगाई है
इसे तो अब
तेरे ही रक्त से बुझाना होगा
ये तभी बुझेगी !
पराशर गौड़
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