Tuesday, 14 July 2009

सूबे में तेजी से पैर पसार रहा एड्स

- सूबे में इस साल के पहले चार माह में मिले 205 एचआईवी पॉजिटिव - राजधानी देहरादून में पाए गए सबसे अधिक मामले - सरकारी कवायद के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रही संख्या देहरादून: देवभूमि में एड्स तेजी से पैर पसार रहा है। बीते साल उत्तराखंड में जहां 539 लोग एचआईवी पाजिटिव थे तो इस साल पहले चार महीनों में ही 205 लोगों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। राजधानी देहरादून में तो एड्स रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। एड्स रोगियों की बढ़ती संख्या भविष्य की भयावह स्थिति की ओर इशारा कर रही है। एड्स की रोकथाम के लिए कई कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन इनके अपेक्षित परिणाम नजर नहीं आ रहे। 'जिंदगी जिंदाबाद', 'रेड रिबन एक्सप्रेस' कुछ ऐसे अभियान हैं, जिनके जरिए लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा तमाम सरकारी, गैर सरकारी संस्थाएं भी कार्य कर रही हैं। इसके बावजूद सूबे में एड्स रोगियों की संख्या घटने के बजाए लगातार बढ़ रही है। उत्तरांचल स्टेट एड्स नियंत्रण समिति के आंकड़ों पर गौर करें तो ये भविष्य की खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करते हैं। इस साल के पहले चार महीनों में ही सूबे में 205 एचआईवी पॉजिटिव केस मिलने पर जानकारों का कहना है कि यदि अप्रैल तक यह स्थिति है तो साल खत्म होने तक यह संख्या 600 को भी पार कर सकती है। समिति के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो राजधानी देहरादून में सबसे ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव हैं। बीते साल जहां 248 एचआईवी पॉजिटिव केस मिले तो इस साल अप्रैल तक यह संख्या 88 पहुंच चुकी थी। इनमें भी दून अस्पताल में सर्वाधिक पचास मामले सामने आए हैं। इसी अवधि में नैनीताल में 34, जबकि पौड़ी में 24 मामले सामने आ चुके हैं। उधमसिंहनगर में भी 14 मामले प्रकाश में आए हैं। उधर, स्वास्थ्य महानिदेशक डा.पीएल जोशी का कहना है कि हाल ही में उत्तरांचल राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी में स्टाफ बढाया गया है। नतीजतन एड्स रोगियों का सही आंकड़ा पता लगाने में आसानी हो रही है। पूर्व में कर्मियों की कमी के चलते आंकड़े एकत्र करने में दिक्कतें आती थीं। एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डा.डीसी ध्यानी कहते हैं कि एड्स की रोकथाम को पर्याप्त प्रयास किए जा रहे हैं। वर्षवार एड्स रोगियों की संख्या 2002 23 2003 83 2004 131 2005 229 2006 313 2007 504 2008 539 2009(अप्रैल)205

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