Thursday, 30 July 2009

कुमाऊं में बनेगा विवेकानंद परिपथ

- पर्यटन के नजरिये से विकसित करेगा केएमवीएन नैनीताल: कुमाऊं के कई क्षेत्र स्वामी विवेकानंद की स्मृतियों को संजोये हैं। हर वर्ष काफी संख्या में पर्यटक व अनुयायी इन स्थलों को देखने पहुंचते हैं। इसे देखते हुए कुमाऊं मंडल विकास निगम इन स्थलों को एकसूत्र में पिरोते हुए विवेकानंद परिपथ की योजना तैयार कर रहा है। जिसके तहत इन स्थलों को विशेष पर्यटन पैकेज के तौर पर विकसित किया जाएगा। अगस्त में एक उच्च स्तरीय सर्वेक्षण टीम इन स्थलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। कुमाऊं में स्वामी विवेकानंद अल्मोड़ा व चम्पावत जिलों में गये थे। अल्मोड़ा में वह काकड़ीघाट मंदिर के पास रुके जहां उनकी स्मृति में विवेकानंद स्मारक बना है। इसके साथ ही चम्पावत में मायावती आश्रम उनकी यादगार स्थली है। बताया जाता है कि अल्मोड़ा में स्थित देवदार इन होटल में स्वामी जी रुके थे। यहां विवेकानंद की यादों को संजोकर रखा गया है। वह टनकपुर के सूखीढांग भी गये थे। इन स्थलों पर देश-विदेश के अनुयायियों के साथ ही हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। इसे लेकर कुमाऊं मंडल विकास निगम ने इसे एक परिपथ के रूप में विकसित करने की योजना बनायी है। पर्यटकों के लिए इन स्थलों तक पहुंचने को विशेष टूर पैकेज बनाया जाएगा। इससे एक ओर जहां यह स्थल पर्यटन नक्शे पर आ जाएंगे वहीं खास तौर पर इन जगहों पर घूमने आने वाले पर्यटकों को सहूलियत मिल सकेगी। योजना का खाका बनाने में जुटे अफसरों का कहना है कि इसे धरातल पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इसका ब्लूपिं्रट तैयार हो गया है लेकिन अगस्त के दूसरे सप्ताह में उच्चस्तरीय सर्वेक्षण टीम भेजी जा रही है। जो इन स्थलों पर पर्यटन के नजरिये से उपलब्ध सुविधाओं व समस्याओं का जायजा लेगी। रिपोर्ट पर मंथन के बाद इसे लागू किया जाएगा। निगम के महाप्रबंधक अशोक जोशी का कहना है कि इन स्थलों को पर्यटन पैकेज के तौर पर विकसित करने की योजना है। इन स्थलों पर आवासीय व आवागमन की सुविधाओं की उपलब्धता को पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। -::परिपथ का स्वरूप::- दिल्ली या अन्य स्थानों से काठगोदाम- काकड़ीघाट-अल्मोड़ा-वाया दन्या-लोहाघाट (रात्रि विश्राम)-मायावती आश्रम-श्यामलाताल व टनकपुर।

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