Monday, 27 July 2009
कारगिल दिवस::जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी
विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के वीरों को शत शत नमन
आज से दस साल पहले पाकिस्तानी घुसपैठियों ने भारतीय क्षेत्र में घुस कर कई महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इन स्थानों को दुश्मनों से छुड़ाने के लिए आपरेशन कारगिल शुरू किया गया। इसमें उत्तराखंड के 75 सैनिकों ने अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए देश की आन बान और शान बचाने को सर्वोच्च बलिदान दिया और यहां तिरंगा फहराया। सरकार ने आपरेशन विजय और शहीदों की याद में 26 जुलाई को विजय दिवस मनाने का निर्णय लिया। विजय दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के वीरों को शत शत नमन
दून के अमर शहीद
1. मेजर विवेक गुप्ता, महावीर चक्र
देहरादून के वसंत विहार निवासी ले. कर्नल (रिटायर्ड) बृजमोहन गुप्ता के घर 1970 में पुत्र रत्न ने जन्म लिया। जो आगे चलकर देश के अमर शहीदों की जमात में शामिल हुआ। विवेक गुप्ता ने 13 जून 1992 में द्वितीय राजपूताना रेजिमेंट में शामिल हुए। कारगिल में आपरेशन विजय के दौरान 12 जून 1999 को मेजर विवेक गुप्ता ने तोतोलिंग चोटी को पाक घुसपैठियों से मुक्त कराते हुए कई दुश्मनों को मौत के घाट उतार देश के लिए मात्र 29 वर्ष की आयु में अपने प्राण न्योछावर किए। इस वीरता और अदम्य साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया।
2. स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर
28 अप्रैल 1962 में ग्राम बड़ोवाला में ठाकुर राजपाल सिंह व हेमवती पुंडीर के घर इस वीर सपूत का जन्म हुआ। उन्होंने 1979 में राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी में प्रवेश कर सैन्य जीवन की शुरुआत की। शहीद पुंडीर एक बेहतरीन पायलट होने के साथ एक कुशल खिलाड़ी, गायक व संगीत प्रेमी थे। आपरेशन विजय के दौरान शत्रुओं की गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए उन्होंने उड़ान भरी। वह दुश्मनों के क्षेत्र में उनकी गतिविधियों का जायजा ले ही रहे थे कि पाकिस्तानी घुसपैठियों ने मिसाइल से उनके हेलीकाप्टर पर धावा बोल दिया। इसकी चपेट में आने से उत्तराखंड का लाडला देश के लिए अपनी आहुति दे गया।
3. नायक बृजमोहन
देहरादून के ग्राम तुनवाला में 1 जून 1975 में माधो सिंह नेगी के घर भारत मां के इस वीर सपूत का जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा समाप्त करने के बाद बृजमोहन 9 पैरा कमांडों में भर्ती हो गया। मई 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वह कश्मीर में जाकर मोर्चे पर डट गए। 1 जुलाई को पाकिस्तानी घुसपैठियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारत मां का लाडला बृजमोहन मात्र 24 वर्ष की युवावस्था में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे गया। मरणोपरांत शहीद बृजमोहन को वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
4. रायफलमैन नरपाल सिंह
पट्टी मालकोट में सुरेंद्र सिंह के घर 1 जुलाई 1969 में नरपाल सिंह का जन्म हुआ। बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह गढ़वाल रायफल में भर्ती हो गए। करगिल में आपरेशन विजय के दौरान उन्हें द्रास सेक्टर में मोर्चे पर जाने का हुक्म मिला। उत्तराखंड का वीर अपने साथियों के साथ द्रास सेक्टर से दुश्मनों की खदेडऩे मे जुट गया। 29 जून 1999 को उत्तराखंड के इस वीर सपूत ने अपने साथी को बचाते हुए गोलियों से छलनी हो गया। मरणोपरांत उन्हें सेना ने अनेक पदकों से सम्मानित किया।
5. रायफलमैन रमेश कुमार थापा
देहरादून के इस लाडले ने वर्ष 1976 में अनारवाला निवासी सर्वजीत थापा के घर जन्म लिया। प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने के बाद वह 5/3 गोरखा रेजीमेंट में भर्ती हुए। आपरेशन विजय के दौरान उनकी यूनिट को 32 राष्ट्रीय रायफल के साथ लगाया गया। 5 जुलाई 1999 के दिन कारगिल में दुश्मनों को खदेड़ते हुए दून का यह जांबाज सिपाही देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया।
6. नायक कृष्ण बहादुर
भारत के इस वीर सपूत का जन्म 24 जून 1964 में सेलाकुई निवासी मोहन सिंह थापा के घर हुआ था। हाई स्कूल पास करने के बाद वह 4/3 गोरखा रेजिमेंट में भर्ती हो गए। आपरेशन विजय के दौरान बटालिक सेक्टर को मुक्त कराते हुए 11 जुलाई 1999 में वीरगति को प्राप्त हुए।
7. रायफलमैन जयदीप सिंह भंडारी
शहीद जयदीप सिंह भंडारी का जन्म 15 जनवरी 1978 को नेहरूग्राम निवासी बचन सिंह भंडारी के घर हुआ। इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर वह 17 गढ़वाल रायफल में भर्ती हो गए। उन्हें निशानेबाजी व बाक्सिंग का शौक था। बाक्सिंग के लिए उन्होंने कई मैडल भी जीते। आपरेशन विजय के दौरान उन्हें बटालिक सेक्टर की जुबार हिल से शत्रुओं को खदेडऩे का हुक्म मिला। कई दिनों तक घुसपैठियों से लोहा लेते हुए तीस जून का उत्तराखंड का यह जांबाज वीरगति को प्राप्त हुआ। वह मात्र 21 वर्ष की आयु में भारत मां की गोद में चिरनिद्रा के लिए समा गए।
8. लांस नायक शिव चरण
शहीद शिवचरण प्रसाद का जन्म 12 मई 1973 को अनारवाला निवासी सदानंद के घर हुआ। बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद व सेना में भरती हो गए। आपरेशन विजय में मश्को घाटी में दुश्मनों से लोहा लेते हुए 6 जुलाई को उत्तराखंड के इस वीर सपूत ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।
9. राजेश गुरूंग
अमर शहीद राजेश गुरूंग का जन्म 1975 को चांदमरी, घंघोड़ा निवासी श्याम सिंह गुरूंग के घर राजेश गुरूंग का जन्म हुआ। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे सेना में भर्ती हो गए। आपरेशन विजय के दौरान नागा रेजीमेंट को कारगिल भेजा गया। इस दौरान दुश्मनों से मुकाबला करते हुए 6 जुलाई को उत्तराखंड के इस वीर सपूत ने वीरगति प्राप्त की।
10. तेंगजिंग नमखा
कारगिल शहीद तेंगजिंग नमखा का जन्म विकासनगर निवासी नोरबू थुंडुप के घर 1979 में हुआ था। सातवीं परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे सेना में भर्ती हो गए। कारगिल युद्ध के दौरान व अपनी कंपनी के साथ तुरतुक सैक्टर में मोर्चे पर डट गए। 19 जुलाई को यह शेर मातृभूमि की रक्षा करता हुआ देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर गया।
11. जय सिंह नेगी,
अमर शहीद जय सिंह नेगी का जन्म नया गांव मल्हान निवासी शिवराज सिंह नेगी के घर 20 दिसंबर 1977 में हुआ था। 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद व गढ़वाल रायफल्स में भर्ती हो गए। आपरेशन विजय के दौरान मस्कोह घाटी में दुश्मनों से लोहा लेते 7 जुलाई 1999 को भारत मां के इस लाड़ले ने तिरंगा फहराने के लिए देश के सर्वोच्च बलिदान दिया।
दून के अन्य शहीदों में
12. नायक मेख बहादुर गुरूंग, निवासी डाकरा कैंट, देहरादून
13.कैलाश कुमार, ग्राम डांडी, रानीपोखरी देहरादून
14. देवेंद्र सिंह, शांति विहार, गढ़ी कैंट, देहरादून
15. संजय गुरूंग, ग्राम नवादा, देहरादून
16. जिगमे सोनम, तिब्बत कालोनी, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून
17. नायक विजय सिंह भंडारी, प्रेमनगर
18.नायक कश्मीर सिंह वीर चक्र, सप्लाई डिपो देहरादून
शेष स्थानों से कितने हुए शहीद
पौडी
- नायक मंगत सिंह
- रायफलमैन मान सिहं
- लांस नायक मदन सिंह
- रायफलमैन कुलदीप सिंह
- नायक धर्म सिंह
चमोली
- हवलदार पदम राम
- रायफलमैन सतीश चंद
- रायफलमैन रंजीत सिंह
- नायक दिवाकर सिंह
- लांस नायक कृपाल सिंह
- नायक हीरा सिंह
- सिपाही हिम्मत सिंह
- नायक आनंद सिंह
रुद्रप्रयाग
- रायफलमैन भगवान सिंह
- नायक गोविंद सिंह
- नायक सुनील दत्त
टिहरी
- रायफलमैन दलबीर सिंह
- रायफलमैन विरेंद्र लाल
- लांस नायक दिनेश दत्त
- रायफलमैन बिक्रम सिहं
- नायक शिव सिंह
- सिपाही सुंदर सिंह
- रायफलमैन राजेंद्र सिंह
- नायक जगत सिंह
- रायफलमैन बिजेंद्र सिंह
- सुबेदार प्रताप सिंह
- नायक सुबाब सिंह
- रायफलमैन दिलवर सिंह
लैंसडाउन
- नायक हरेंद्र सिंह
- लांस नायक सुरमन सिंह
- रायफलमैन डबल सिंह
- नायक अनिल सिंह
- लांस नायक देवेंद्र प्रसाद
- नायक ज्ञान सिंह
- नायक सुरेंद्र सिंह
- हवलदार मदन सिंह
- रायफलमैन बलबीर सिंह नेगी
- नायक भरत सिंह
- सिपाही भरत सिंह
- रायफलमैन अनसुया प्रसाद ध्यानी
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