Thursday, 30 July 2009

भवाली व कोलीढेक बनेंगे आयुष ग्राम

नैनीताल व चंपावत जिलों से होगा आयुष ग्राम योजना का शुभारंभ -भूमि चिन्हित, कोलीढेक में वनभूमि हस्तांतरण को 16 लाख मंजूर देहरादून, सरकार ने आयुष ग्रामों को हकीकत की शक्ल देने की कवायद शुरू कर दी है। सूबे में यह शुरुआत नैनीताल के भवाली व चंपावत जिले के कोलीढेक आयुष ग्रामों की स्थापना से की जा रही है। राज्य में आयुर्वेद को बढ़ावा देने की मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की मुहिम रंग ला रही है। सीएम का रुझाान देखकर नौकरशाही ने इस दिशा में कसरत तेज कर दी है। सरकार की घोषणा के तहत प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक आयुष ग्राम स्थापित किए जाएंगे। पहले चरण में कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में भवाली और चंपावत जिले में कोलीढेक आयुष ग्राम के तौर पर विकसित होंगे। भवाली में आयुष ग्राम को दस एकड़ जमीन स्वास्थ्य महकमे ने दी है। कोलीढेक में आयुष ग्राम को 1.60 हेक्टेअर भूमि चिन्हित की गई है। इस वन भूमि के हस्तांतरण को आयुष विभाग ने 16 लाख रुपये वन विभाग को जारी कर दिए हैं। इन आयुष ग्रामों में जड़ी-बूटी उत्पादन से लेकर आयुर्वेदिक पद्धति से चिकित्सा को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार की योजना कामयाब रही तो आयुष ग्राम भविष्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे। इससे स्थानीय लोगों के लिए आमदनी के नए स्रोत विकसित होंगे। सूत्रों के मुताबिक आयुष विभाग पहले इन दोनों गांवों को विकसित करेगा। बाद में इनकी तर्ज पर अन्य गांव भी विकसित करने की योजना है। सभी 13 जिलों में एक-एक आयुष ग्राम चिन्हित किए जाने हैं। उधर, आयुर्वेदिक विवि को इसी सत्र से कामकाज शुरू करने को संसाधन जल्द जुटाए जाएंगे। फिलहाल विवि को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज परिसर से चलाने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।

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