Monday, 13 July 2009
दून ही रहेगी उत्तराखंड की स्थायी राजधानी!
केंद्रीय अनुदान से राज्य स्तरीय अवसंचना सुविधाओं पर दो सौ करोड़ के प्रस्ताव
-150 करोड़ अवमुक्त और 57 करोड़ अब तक किए खर्च
-अब संभव नहीं राजधानी आयोग की रिपोर्ट पर अमल
देहरादून
केंद्र सरकार से मिले दो सौ करोड़ रुपये से देहरादून में राज्य स्तरीय अवसंचना सुविधाओं पर तेजी से काम हो रहा है। इसके लिए कांग्र्रेस शासन में केंद्र से अनुमति भी ली गई और भाजपा शासन में भी निर्माण जारी है। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या सूबे की स्थायी राजधानी देहरादून से कहीं और जाएगी। हालात बता रहे हैैं कि इस सवाल उत्तर सिर्फ 'नहीं' ही हो सकता है।
उत्तराखंड की स्थायी राजधानी के लिए 12वें वित्त आयोग ने दो सौ करोड़ का प्रावधान किया है। कई सालों तक यह राशि पड़ी रही। इस धन के 'लैप्स' होने की नौबत आई तो कांग्र्रेस की तत्कालीन सरकार ने केंद्र सरकार से इस राशि को राज्य स्तरीय अवसंचना में व्यय करने की अनुमति मांगी। सूत्रों ने बताया कि केंद्र की अनुमति के बाद एक उच्च स्तरीय समिति ने 194 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को स्वीकृति दी। 31 मार्च-09 तक इसमें से 152 करोड़ रुपये कार्यदायी संस्थाओं को अवमुक्त किए जा चुके हैैं और लगभग 57 करोड़ की राशि खर्च भी की जा चुकी है। कुछ निर्माण राज्य लोक सेवा आयोग और सितारगंज जेल में भी हो रहे हैैं। खास बात यह है कि कांग्र्रेस शासन में शुरू हुआ यह व्यय भाजपा शासन में भी जारी रहा। कांग्र्रेस शासन में मौजूदा संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत इस पर सवाल भी उठा चुके है पर निर्माण आज तक जारी हैैं।
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से स्थायी राजधानी के लिए एक बार दो सौ करोड़ की रकम दे दी गई है। अब अगर स्थायी राजधानी के लिए किसी और स्थान का चयन होता है तो इसके लिए करोड़ों की राशि कहां से आएगी। केंद्र सरकार से इस मद में अब बहुत ज्यादा धन मिलने की गुंजाइश न के बराबर ही है। फिर क्या राज्य सरकार अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति के बाद भी स्थायी राजधानी के लिए करोड़ों की रकम जुटा पाएगा। इतना ही नहीं, अगर राजधानी कहीं और बनती है तो देहरादून में करोड़ों की लागत से बन चुके या फिर बन रहे भवनों का क्या होगा। जाहिर है कि राज्य अपने संसाधनों से शायद ही ऐसा करे। ऐसे में माना यही जा रहा है कि उत्तराखंड की स्थायी राजधानी अब देहरादून ही रहने वाली है।
इंसेट
राज्य स्तरीय अवसंचना (दून में)
निर्माण राशि (लाख में)
राज्यपाल आवास 640
राजभवन सचिवालय 1558
सीएम आवास व स्टाफ क्वार्टर 1656
स्वास्थ्य निदेशालय 1130
राज्य निर्वाचन आयोग 206
राज्य योजना आयोग 1500
सैनिक कल्याण निदेशालय 132
राजस्व आयुक्त दफ्तर 265
विजिलेंस निदेशालय 255
बाल विकास निदेशालय 364
वाणिज्य कर आयुक्त दफ्तर 455
बीजापुर गेस्ट हाउस 1265
ट्रांजिट हास्टल 452
केदार पुरम में आवास 1830
रेस कोर्स में आवास 142
भानियावाला-सहत्रधारा(फोर लेन)4756
सचिवालय में विभिन्न निर्माण 143
इंसेट
दीक्षित आयोग ने की 'नए शहर' की सिफारिश
देहरादून: राजधानी स्थल चयन को बने दीक्षित आयोग ने स्थायी राजधानी के लिए 'नया शहर' बसाने की सिफारिश की है। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने अपनी रपट में स्थायी राजधानी के लिए चर्चा में आए गैरसैैंण, काशीपुर, आईडीपीएल, देहरादून समेत अन्य सभी स्थानों को किसी न किसी कारण से अनुपयुक्त करार दिया है। आयोग ने स्थायी राजधानी के लिए एक नया शहर ही बसाने की सिफारिश की है। सूत्रों की माने तो इस नए शहर के लिए रायपुर से रानीपोखरी के बीच के स्थान को हर लिहाज से उपयुक्त करार दिया गया है।
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