Saturday, 11 July 2009

=देश भर में सर्वे ऑफ इंडिया के आठ दफ्तर बंद होंगे

-नागपुर, ग्वालियर, इंदौर, अजमेर, वाराणसी, विशाखापत्तनम समेत आठ जीडीसी पर गाज -स्टाफ की कमी, नई तकनीक का इस्तेमाल व आउटसोर्सिंग बनी वजह देहरादून देश का सबसे पुराना वैज्ञानिक महकमा सर्वे ऑफ इंडिया देश भर में अपने कम से कम आठ दफ्तर बंद करने की तैयारी में है। सर्वे की हर प्रदेश में उसका एक ही ज्योडीय आंकड़ा केेंद्र (जियोडिक डाटा सेंटर-जीडीसी) रखने की योजना है। इसके तहत सबसे पहली गाज नागपुर के सेमिनरी हिल्स स्थित सीजीओ कांप्लेक्स के दफ्तर पर गिरने की आशंका है। नागपुर का यह दफ्तर जीरो माइल पिलर के कारण मशहूर है। इस ऐतिहासिक पिलर की स्थापना 1802 में शुरू होकर 60 साल तक चले ग्रेट आर्क सर्वे (महान त्रिकोमितीय सर्वेक्षण)के दौरान की गई थी। यह सर्वे सर जॉर्ज एवरेस्ट ने पूरा किया था। नागपुर के पिलर का इस्तेमाल मानचित्र निर्माण में समुद्र तल से ऊंचाई मापने के लिए किया जाता रहा है। बताया जा रहा है कि नागपुर के बाद ग्वालियर, इंदौर, अजमेर, विशाखापत्तनम और वाराणसी समेत आठ दफ्तरों को भी बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। महाराष्ट्र में अब केवल पुणे में ही सर्वे आफ इंडिया का दफ्तर रहेगा। गौरतलब है कि 1767 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत का भौगोलिक सर्वेक्षण करने के लिए सर्वे आफ इंडिया की स्थापना की थी। सर्वे ऑफ इंडिया में नई तकनीक आने व आउट सोर्सिंग शुरू होने के बाद से 2004 से स्टाफ कम करने की कवायद चल रही है। नागपुर में इस वक्त सर्वे कार्य के लिए चार-पांच लोग हैं। एक सर्वे कैैंप टीम में कम से कम 29 लोग होने चाहिए। इसी तरह की स्थिति देश के अन्य केेंद्रों में भी है। इन दफ्तरों में इस वक्त 35 से40 लोग ही काम कर रहे हैं, जबकि एक केेंद्र में कम से कम 150 का स्टाफ होना चाहिए। नागपुर में दफ्तर बंद होने के बाद वहां का मानचित्र बिक्री केेंद्र भी बंद हो जाएगा। हालंाकि विभाग में कभी किसी किस्म की छंटनी नहींहुई, लेकिन कर्मचारियों को कम करने की योजना के तहत नई नियुक्तियां भी नहीं हुईं। सर्वे आफ इंडिया के ग्रुप बी आफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष बी पात्रो का कहना है कि नई नियुक्तियां न होने से सर्वे आफ इंडिया के कई दफ्तर कर्मचारियों की भारी कमी झोल रहे हैं। प्रिंटिंग प्रेसों का काम भी आउटसोर्स करने की कोशिश की जा रही है। जो प्रशासन की स्टाफ कम करने की योजना का हिस्सा है। यूनियनें विभाग में कर्मचारियों की तादाद कम करने का विरोध करती रही हैं। सर्वे के बंद हो रहे दफ्तरों के कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित करने की कवायद चल रही है। सर्वे आफ इंडिया के उप महासर्वेक्षक मेजर जनरल आरएस तंवर का कहना है कि केवल उन्हींकेेंद्रों को बंद किया जा रहा है जो व्यवहारिक नहींरह गए हैं। जहां केवल दो या चार कर्मचारियों का स्टाफ रह गया है और इमारत का किराया 40,000 रुपये तक देना पड़ रहा है।

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