Thursday, 24 September 2009
-आयुर्वेद व योग का हब बनेगा उत्तराखंड
-मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने योग गुरु स्वामी रामदेव व परमार्थ निकेतन परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद से किया विचार-विमर्श
मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि वर्ष 2020 तक उत्तराखंड आयुर्वेद व योग का विश्व प्रसिद्ध हब बनेगा। प्रदेश में जड़ी-बूटी के वृहद उत्पादन की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर योग गुरु स्वामी रामदेव व परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि जी महाराज से भेंट के दौरान आयुर्वेद व योग पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता से जड़ी-बूटियों की आपूर्ति मांग से कम हो जाएगी। सरकार पतंजलि योगपीठ से समन्वय कर आयुर्वेद को बढ़ावा देगी। उत्तराखंड के गांवों को आयुष ग्राम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पतंजलि योगपीठ की भांति आयुर्वेद एवं योग के केंद्र गढ़वाल व कुमाऊं के सुदूर पर्वतीय स्थानों पर खोलने पर जोर दिया। इसके लिए सरकार हर संभव सहयोग करेगी। उन्होंने आयुर्वेद विश्वविद्यालय को सरकार का बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा और अधिक व्यवस्थित करने व गंगा की पवित्रता बनाए रखने में संत जनों का सहयोग लिया जाएगा।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड अनादिकाल से अध्यात्म का सर्वोच्च केंद्र है। यहां मानव के लिए जीवनदायिनी दुर्लभ जड़ी-बूटियां हैं। उन्होंने कहा कि संपूर्ण आयुर्वेद की परंपराओं को लेकर आंदोलन चलाना होगा। उत्तराखंड इसका नेतृत्व करेगा। उन्होंने स्कूलों में योग शिक्षा के लिए प्रभावी पहल की अपेक्षा सरकार से की। परमार्थ निकेतन परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि राज्य में अध्यात्म पर्यटन, योगध्यान पर्यटन व चिकित्सा पर्यटन की प्रचुर संभावना है। इन क्षेत्रों को बढ़ावा देकर राज्य के आर्थिक संसाधनों को मजबूत किया जा सकता है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को राज्य में ज्यादा सुविधाएं देने पर उन्होंने जोर दिया।
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