Thursday, 17 September 2009

-चांदपुरगढ़ी: खुदाई में मिला विशालकाय कुआं

-पुरातत्व विभाग छह वर्ष से कर रहा है खुदाई का कार्य -गढ़ी के प्रवेश द्वार पर मिला 19 फीट व्यास व 8 फीट गहरा कुआं गोपेश्वर(चमोली), सीमांत जनपद चमोली के आदिबदरी के पास ऐतिहासिक चांदपुर गढ़ी में खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग को एक प्राचीन विशालकाय कुआं मिला। पिछले छह वर्ष से पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही खुदाई के दौरान यहां अभी तक मकानों के अवशेष सहित आंगन, खंडहर, मिट्टी के बर्तन व एक कंकाल भी मिल चुका है। खुदाई के कार्य में इस बार चांदपुर गढ़ी के प्रवेश द्वार पर 19 फीट व्यास और आठ फीट से अधिक की गहराई का कुआं मिला है। इससे लोगों को तत्कालीन इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारियों सहित उस समय जल प्रबंधन की शैली व मिट्टी के पाइपों का निर्माण व उनको जोडऩे वाले नक्काशीदार यंत्रों के प्रयोग की जानकारी देखने को मिलेगी। पुरातत्वविद् नरेन्द्र चाकर ने बताया कि यहां अभी तक कुएं में हड्डी, चूडिय़ों के टुकड़े के अवशेष भी मिले हैं, जबकि उड़द की दाल के लेप व चूने के मिश्रण से निर्मित यह कुआं उस वक्त की बेजोड़ कलाकृति को दर्शाता है। पत्थर व मिट्टी के बेजोड़ कलाकृति का नमूना गोपेश्वर: बीते वर्षों में पुरातत्व विभाग के खुदाई के दौरान अब तक अनुमान लगाया जा रहा है कि 1512 ई में गढ़ी के प्रथम राजा कनकपाल व अंतिम राजा अजयपाल की यह नगरी नियोजित ढंग से इस क्षेत्र से अन्यत्र चली गयी। इसके चिह्न अब खुदाई में यहां सिलसिलेवार मिल रहे हैं। जल प्रबंधन की कुशल शैली के नमूने व प्रस्तरों पर चूने व उड़द का लेप आज तक सुरक्षित रहना शानदार कला को दर्शाता है। खुदाई के दौरान अब तक यहां पर पूर्व में दो दर्जन कमरे, चार बरामदे, तीन ओखली, चार सीढ़ी व अन्य कई प्रकार की सामग्री मिल चुकी है।

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