Saturday, 26 September 2009
=दिल्ली की सेहत सुधारेगा देवभूमि का दूध
पहल: पहले चरण में दस हजार लीटर दूध आपूर्ति की योजना
दिल्ली के पाश इलाकों में है जैविक दूध की जबरदस्त मांग
-शुरुआत में 35 से 40 रुपये लीटर की दर से होगी बिक्री
देहरादून:
देवभूमि का जैविक दूध दिल्लीवालों की सेहत सुधारेगा। उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन इस योजना पर काम शुरू करने की तैयारी में है। फेडरेशन को इंतजार है तो बस उत्तरांचल बीज एवं प्रमाणीकरण संस्था की हरी झांडी का। पहले चरण में रोजाना करीब दस हजार लीटर दूध की आपूर्ति की जाएगी।
फेडरेशन के अध्यक्ष डा.मोहन सिंह बिष्ट के मुताबिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई इस योजना पर काम की शुरुआत हो रही है। पहले चरण में टिहरी और चंपावत जिलों में इस पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाएगा। धीरे-धीरे 11 अन्य जिलों में भी इसका विस्तार करने की योजना है। पर्वतीय क्षेत्र को ही प्राथमिकता के बारे में फेडरेशन का कहना है चूंकि पर्वतीय क्षेत्र के पशु जैविक चारा ही खाते हैं। ऐसे में शुद्ध जैविक दूध भी इन्हीं इलाकों में पलने वाले दुधारू पशुओं से ही मिल सकता है।
योजना के अनुसार फिलहाल तो दोनों जिलों से जैविक दूध को फेडरेशन की छोटी दुग्ध इकाइयों के जरिए मुख्य कलेक्शन सेंटर पर स्टोर करने के बाद टैंकर के जरिए दिल्ली भेजा जाएगा। दूध की पैंकिंग यहीं पर करने के लिए गुजरात की एक कंपनी से बात चल रही है। एक विकल्प दिल्ली के पास ही अपना पैंकिंग प्लांट लगाने का भी विचाराधीन है।
बकौल श्री बिष्ट दिल्ली के पाश इलाकों में जैविक दूध की जबरदस्त मांग है। फेडरेशन की ओर से कराए गए एक सर्वे यह भी पता चला कि जैविक दूध के लिए पाश इलाकों के लोग अच्छी कीमत देने को तैयार है। ऐसे में यह तय किया गया कि इस नए ब्रांड की आपूर्ति पहले इन्हीं इलाकों से शुरू की जाए। हालांकि अभी दूध का रेट तय नहीं किया गया है पर अनुमान है कि शुरुआती रेट 35 से 40 लीटर प्रति लीटर होगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने इस योजना में खासी रुचि दिखाते हुए फेडरेशन को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि उत्तरांचल बीज एवं प्रमाणीकरण संस्था से फेडरेशन को इसकी जल्द अनुमति मिल जाएगी।
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