परीक्षा सेंटर खोजने में अभ्यर्थियों को करनी पड़ी खासी मशक्कत, प्रदेशभर के 6000 अभ्यर्थी पहुंचे दून
देहरादून - समूह ‘ग’ के पहले चरण की परीक्षा रविवार को देहरादून में सम्पन्न हुई। राजधानी में 10 केंद्रों में आयोजित परीक्षा में करीब 6000 अभ्यर्थी शामिल हुए। अधिकांश परीक्षा केंद्र शहर से बाहर होने के कारण अभ्यर्थियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई अभ्यर्थी तो अंतिम समय तक परीक्षा केंद्र ढूंढते रहे। वहीं, उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से अभ्यर्थियों व अभिभावकों की सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रविवार को समूह ‘ग’ में ग्रुप पांच व आठ की परीक्षा देने के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से तमाम अभ्यर्थी दून पहुंचे। चयन परीक्षा के लिए राजधानी में अल्पाइन इंस्टीट्यूट, पित्थूवाला व सिद्धोवाला पालीटेक्निक, निम्बस एकेडमी, इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, राजकीय इंटर कालेज मेहूंवाला व पटेलनगर में 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। सभी केंद्रों में पहली पाली की परीक्षा पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होकर दोपहर एक बजे तक चली, जबकि दूसरी पाली की परीक्षा अपराह्न तीन से सायं पांच बजे तक चली। केंद्र के निकट बैठने की कोई व्यवस्था न होने से परीक्षा के दौरान अभिभावकों को केंद्रों के बाहर ही घंटों खड़े रहकर इंतजार करना पड़ा। परीक्षा के दौरान परिषद के अधिकारियों ने केंद्रों में पहुंच कर स्थिति का जायजा भी लिया। परीक्षा समाप्त होने के बाद अधिकांश अभ्यर्थियों ने महज दून में ही केंद्र बनाने पर नाराजगी जताई। कई अभ्यर्थियों का कहना था कि जगह-जगह मार्ग बंद होने के कारण उन्हें दो दिन पहले ही घर से निकलना पड़ा, ताकि वह परीक्षा में शामिल हो सकें। इससे पूर्व रविवार की सुबह प्रदेश के विभिन्न स्थानों से दून पहुंचे अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों की तलाश के लिए इधर-उधर भटकते रहे। कई अभ्यर्थियों को केंद्र तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि अधिकांश परीक्षा केंद्र शहर से बाहर थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त वाहनों की व्यवस्था करनी चाहिए थी। उक्त मागरे पर एकाएक यात्रियों का भार पड़ने से वाहन चालक मनमाना किराया वसूलने से भी बाज नहीं आये। इसके अलावा कई अभ्यर्थियों को इंटरनेट से प्रवेश पत्र डाउन लोड करने के लिए साइबर कैफे की तलाश में पसीना बहाना पड़ा, क्योंकि रविवार को अवकाश होने के कारण अधिकांश साइबर कैफे बंद थे।
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