बुधाणी: स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा के बुधाणी स्थित पैतृक आवास को संग्रहालय में तब्दील करने की योजना 2006 से अब तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। स्व. बहुगुणा के इस दो मंजिला मकान में पुरातत्व विभाग के ताले लटके हैं और वक्त के थपेड़ों से यह ऐतिहासिक भवन लगातार जर्जर होता जा रहा है।
स्व. बहुगुणा के पैतृक गांव बुधाणी में स्थित उनके दो मंजिला मकान की तिबारी व डंडेली कहीं संग्रहालय बनने से पहले उजड़ न जाए, गांव वालों को यही डर सता रहा है। वर्ष 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने उनके पैतृक आवास को संग्रहालय में बदलने की घोषणा की थी। मुख्यालय से करीब 21 किमी दूर यह भवन जहां लकड़ी पर बेहतरीन नक्काशी व पत्थरों को तराश कर तैयार किया गया है, तो छत पठाल से ढ़की है। भवन को संग्रहालय में बदलने के लिए पुरातत्व विभाग ने डिजाइन तैयार किया है।
भवन के क्षतिग्रस्त हिस्सों को पुराने तरीके से दुरुस्त कर 16 कमरों की भीतरी दीवारों को भी सुरक्षित किया जाना है। शासन इसके लिए 1 करोड़ 68 लाख रुपए की धनराशि जारी कर चुका है, लेकिन निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ। वर्ष 2006 से भवन की चाबियां पुरातत्व विभाग के पास हैं। 19 अगस्त को संस्कृति मंत्री विजया बड़थ्वाल की अध्यक्षता आयोजित बैठक में लोक निर्माण विभाग श्रीनगर खंड ने पूरा भवन तोड़कर नए सिरे से आलीशान इमारत के निर्माण का प्रस्ताव रखा। जिस पर संस्कृति मंत्री विभागीय अफसरों की जमकर क्लास ली और प्रस्ताव फिर से बनाने के आदेश दिए। लोनिवि अब पुरातत्व विभाग से पुन: भवन की योजना का प्रारूप मांग रहा है। ऐसे में स्व. बहुगुणा के पैतृक आवास को संग्रहालय बनाने की योजना जहां की तहां अटकी पड़ी है
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