Thursday, 22 September 2011

पीने-पिलाने वालों का हुक्का-पानी बंद

रुद्रप्रयाग,  घर-गांवों का सुख-चैन छीन रही शराब के खिलाफ अब आवाम ने आवाज बुलंद की है।
पहाड़ के गांवों में शराब के बढ़ते प्रचलन की प्रताड़ना सबसे ज्यादा महिला व बच्चे ङोलते हैं। यही कारण है कि गांव के हर परिवार व हर शख्स को सुरा की गिरफ्त से आजाद करने की पहल भी इसी वर्ग ने की। बुजुर्गो का सहारा और ग्रामीणों का साथ मिला, तो भरी पंचायत में शराब पीने व पिलाने वालों के सामाजिक बहिष्कार का फैसला हो गया। नशाखोरी की दुष्प्रवृति पर अंकुश लगाने की यह अनूठी पहल जिले के धरियांज गांव ने शुरू की है।शराब के बढ़ते प्रचलन से कितने ही घर बर्बाद हो रहे हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं है। जिले के अधिकांश गांव भी शराब व शराबियों के आतंक से परेशान हैं। यूं तो जखोली ब्लॉक का धरियांज गांव भी इनमें शामिल है। लेकिन इस गांव के लोगों ने शराब के विरोध में जो अनूठी मुहिम छेड़ी है, वो दूसरे गांवों के लिए एक मिसाल कही जा सकती है। शराबियों के हुड़दंग से परेशान महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गो ने गांव में शराब पीने व पिलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया है।इस मसले पर ग्रामीणों ने न सिर्फ पंचायत बुलाई, बल्कि भरी बैठक में शराब पर प्रतिबंध लगाने का सख्त निर्णय भी पारित कर दिया। फैसला हुआ कि यदि कोई भी व्यक्ति मांगलिक कार्यो, सामाजिक कार्यो या फिर सामान्य दिनों में भी गांव में शराब पीकर आया या किसी को शराब पिलाई, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। गांव की आम बैठक में ऐसे हर व्यक्ति का पूर्ण रूप से सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय किया गया है।इतना ही नहीं, गांव में जुआ खेलने पर भी प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया गया। तय हुआ कि यदि कोई व्यक्ति जुआ खेलते पकड़ा गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सुफल सिंह रौथाण व व उम्मेद सिंह रौथाण ने बताया कि महिला मंगल दल, नवयुवक मंगल दल व बुजुर्गो की संयुक्त पहल पर ही यह ऐतिहासिक निर्णय लिया जा सका है।

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